महाभारत पात्र अर्जुन को मारने आई थी यह कन्या लेकिन हो गया अर्जुन से प्रेम

महाभारत के बारे में आप सब जानते होंगे।इस युद्ध काल मे कई बेहद रोचक किस्से है। जिसे जानकर आप सभी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

महाभारत पात्र अर्जुन को मारने आई थी यह कन्या लेकिन हो गया अर्जुन से प्रेम
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केटी न्यूज़/दिल्ली

महाभारत के बारे में आप सब जानते होंगे।इस युद्ध काल मे कई बेहद रोचक किस्से है। जिसे जानकर आप सभी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। ऐसी ही एक कहानी अर्जुन की चौथी पत्नी की है, जो अर्जुन की जान लेने आई थी, लेकिन दिल दे बठी। आइए जानते हैं, यह पूरी प्रेम कथा क्या है और किस अंजाम तक पहुंची?

जब अर्जुन 12 वर्ष का वनवास भोग रहे थे, तो उस दौरान वे हरिद्वार पहुंचे। जब वे गंगा स्नान कर रहे थे, तब यह खबर नागलोक पहुंची। नागलोक के वासियों ने अर्जुन को मारने की योजना बनाई।क्योंकि जब अर्जुन इंद्रप्रस्थ नगर को बसा रहे थे, तो बसाने के दौरान उन्होंने धरती पर कई नागों का संहार किया था। इसलिए नागलोक वासी अर्जुन को शत्रु मानते थे।

एक योजना के साथ नाग राजकुमारी उलूपी अर्जुन को मारने के लिए गंगा तट के किनारे पहुंची। उसकी योजना अर्जुन को पानी के अंदर ही डस लेने थी,लेकिन जब उसने अर्जुन के रूप-रंग और बलिष्ठ शरीर को देखा तो वह उन्हें देखकर मोहित हो गई। अर्जुन के प्रति उसके आर्कषण ने बदले की भावना को खत्म कर दिया। तब उलूपी नाग रूप से एक स्त्री के रूप में परिवर्तित हो गई। फिर उसने अर्जुन को अपने विष से बेहोश कर दिया और अर्जुन का अपहरण करके नाग लोक ले आई। नागलोक के सभी वासी उलूपी के इस साहस भरे काम की तारीफ कर रहे थे। वहीं उलूपी के मन में कुछ और था और वह अर्जुन की बेहोशी खत्म होने का इंतजार कर रही थी।

कुछ दिनों बाद जब अर्जुन को होश आया और उसने अपने सामने एक बेहद सुंदर नाग कन्या को देखकर आश्चर्य में पड़ गया। तब उलूपी ने उसे अपना परिचय दिया और कहा,मैं अपने वंश का बदला लेने के लिए आपके पास आई थी, पर अब मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। कृपया मेरे प्रेम को स्वीकार करें।अर्जुन विवाह के विषय में कुछ कह पाते, इसके पहले ही उलूपी ने फिर कहा। मैं जानती हूं कि आपकी तीन पत्नियां हैं। पर मुझे चौथी पत्नी बनने से कोई परेशानी नहीं है।

इसके बाद उलूपी ने अपने पिता कौरव्य और समस्त नागवंश का अर्जुन से समझौता करवाया। इस समझौते के बदले अर्जुन ने उलूपी से विवाह किया। चूंकि वे हमेशा के लिए नागलोक में नहीं रह सकते थे, इसलिए कुछ समय बिताने के बाद वहां से जाने लगे। उलूपी ने अर्जुन को नहीं रोका, पर जाने से पहले उन्हें सूचना दी कि वह अर्जुन की संतान को जन्म देने वाली है।उलूपी एक नाग कन्या होने के साथ एक जलपरी भी थी। उसने अर्जुन को जल यानी पानी में रहने का विज्ञान समझाया। इसके साथ ही उसने अर्जुन को वरदान दिया कि जल युद्ध में आप कभी पराजित नहीं हो सकते। कोई जलचर आपको कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।