भगवान की शरण में निरापद होती है जीवन यात्रा - आचार्य भारतभूषण
प्रखंड के सुरौंधा गांव के तिलक ब्रह्म बाबा मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवताचार्य डॉ. भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि जीवन भगवान की शरणागति के आनन्द का अनुभव करने के लिए ही है।
- सुरौंधा में शुरू हुआ श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह, कथामृत का पान करने व यज्ञ मंडप की परिक्रमा को उमड़े श्रद्धालु
- भागवत कथा के श्रवण से पुष्ट होता है भक्ति, ज्ञान और वैराग्य
केटी न्यूज/डुमरांव
प्रखंड के सुरौंधा गांव के तिलक ब्रह्म बाबा मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवताचार्य डॉ. भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि जीवन भगवान की शरणागति के आनन्द का अनुभव करने के लिए ही है। शरणागति का अनुभव नहीं करने वालों का जीवन अवसाद-विषाद व संकटों में उलझ जाता है। जबकि भगवान की करुणा की स्मृति करने वाले लोगों का जीवन प्रसाद और प्रसन्नता से भरा होता है। कथा और महोत्सव हमें हमारे सतत सन्निकट रहनेवाले भगवत्तत्त्व की अनुभूति कराते हैं, उनका प्राक्ट्य कराते हैं। आचार्य ने कहा कि पृथ्वी पर संतों, भक्तों व महापुरुषों के रूप में साक्षात भगवान की अनुग्रह मूर्ति का ही दर्शन होता है।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि परमाराध्यचरण गोपांगनाएं भगवान श्रीकृष्ण से कहती हैं कि जो महापुरुष आप की कथा सुनाते हैं वे ब्रह्मांड के सबसे बड़े दानी हैं और जीवमात्र को सर्वस्व प्रदानकर कृतार्थ करने वाले हैं। ’भुवि गृणन्ति ते भूरिदा जनाः’। उन्होंने कहा कि घोर कलिकाल में भी महापुरुषों के हृदय में विकार उत्पन्न नहीं होता हैं। सनकादि आचार्यों ने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य को महापुरुषों-संतों के हृदय में रहने की आज्ञा दी है। भागवत कथा से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य पुष्ट होते हैं, प्रेतत्व की निवृत्ति होती है और भगवान के धाम की प्राप्ति होती है।
प्रातःकाल बक्सर रामरेखा घाट गंगा तट से जलयात्रा हुई। तत्पश्चात पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश एवं श्रीमद्भागवत पुराण का मूल पाठ, सर्वतोभद्र मंडल का पूजन एवं रुद्राभिषेक आदि प्रयागराज से पधारे पं संजय द्विवेदी के नेतृत्व में विद्वानों ने सम्पन्न किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष पप्पू ओझा, प्रधान यजमान प्रो. दिनेश तिवारी समेत तमाम यजमानों ने व्यासपीठ का पूजन किया। इस अवसर पर सुरौंधा, नेनुआ, बसौली आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आकर श्रोताओं ने कथा श्रवण किया और यज्ञ मंडप की परिक्रमा की।
आयोजन को सफल बनाने में विष्णुधर तिवारी, लक्ष्मण पांडेय, ज्ञान प्रकाश तिवारी, संजय तिवारी, राजगृहि तिवारी, विनोद तिवारी, शिवशंकर तिवारी, मनोज तिवारी, नीलमणी तिवारी, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, पंकज तिवारी, घुरबिगन यादव, मुन्ना यादव व विकास तिवारी समेत समस्त ग्रामीण सक्रिय भूमिका निभा रहे है।