मुकेश सिन्हा फिर बने कृषि कॉलेज के प्राचार्य, जानकारी होते ही पूरे दिन छात्रों ने किया प्रदर्शन

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सब्बौर ने डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज का प्राचार्य फिर से डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा को बनया है, बुधवार की रात ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी की। वही, गुरूवार को इसकी जानकारी मिलते ही कॉलेज के छात्र फिर से उग्र हो गए तथा कॉलेज के मुख्य गेट में ताला जड़ पूरे दिन बवाल काटा।

मुकेश सिन्हा फिर बने कृषि कॉलेज के प्राचार्य, जानकारी होते ही पूरे दिन छात्रों ने किया प्रदर्शन

- बुधवार की रात ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय सब्बौर ने जारी किया पत्र, गुरूवार को पूरे दिन मुख्य गेट में अंदर से ताला जड़ छात्रों ने काटा बवाल, मूकदर्शन बना रहा कॉलेज प्रबंधन

केटी न्यूज/डुमरांव

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सब्बौर ने डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज का प्राचार्य फिर से डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा को बनया है, बुधवार की रात ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी की। वही, गुरूवार को इसकी जानकारी मिलते ही कॉलेज के छात्र फिर से उग्र हो गए तथा कॉलेज के मुख्य गेट में ताला जड़ पूरे दिन बवाल काटा। 

आक्रोशित छात्रों का कहना था कि वे किसी भी सूरत में मुकेश सिन्हा को प्रभार नहीं लेने देंगे। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपना फैसला बदलने की मांग के साथ ही अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों के उग्र तेवर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस दौरान वहां पहंुची स्थानीय पुलिस व मीडियाकर्मियों को भी छात्रों ने बैरंग लौटा दिया और कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन का मामला है। छात्रों के इस अड़ियल रवैये से कॉलेज प्रबंधन से भी घटना की जानकारी नहीं ली जा सकी। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का व्यवहार असमाजिक तत्वों जैसा था, जो किसी की नहीं सुन रहे थे। गुरूवार की शाम तक यह स्थिति बनी हुई थी तथा कॉलेज परिसर छात्रों के कब्जे में रहा। इस दौरान कॉलेज प्रबंधन द्वारा उन्हें मनाने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा था। 

क्या है मामला

बता दें कि पूर्व में डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा इस कॉलेज के प्राचार्य थे। करीब दो महीना पहले छात्रों ने स्टाइपेंड के मुद्दे पर आंदोलन किया था तथा इसका जिम्मेवार तत्कालीन प्राचार्य को ही बताया था। छात्रों का कहना था कि पूर्व प्राचार्य किसी की नहीं सुनते है तथा अपनी मनमानी करते है, जिससे छात्रों को समय से स्टाइपेंड मिलता है और न ही उन्हें अन्य सुविधाएं। 

पूर्व प्राचार्य को बंधक बना की थी बदसलूकी

उस दौरान छात्रों ने पूर्व प्राचार्य को उनके कक्ष में बंधक बना उनके साथ बदसलूकी की थी तथा कार्यालय में लगे लाखों रूपए के उपकरण को तोड़-फोड़ कर नष्ट कर दिया था। बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके बदले डॉ. रियाज अहमद को इस कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बनाया था। वही, कॉलेज प्रबंधन ने अज्ञात छात्रों पर लाखों की संपति के नुकसान करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया था। 

विश्वविद्यालय प्रशासन की जांच हुई थी साजिश की पुष्टि

इस मामले में पूर्व प्राचार्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन को बताया था कि कॉलेज के ही कुछ प्रोफेसर तथा अन्य कर्मी जानबूझकर छात्रों को भड़काए थे। पूर्व प्राचार्य ने यहां तक आरोप लगाए थे कि छात्रों ने जबरन उनसे प्राचार्य पद से इस्तीफा भी लिखवाया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक टीम गठित कर उनके आरोपों की जांच करवाई थी, जिसमें कॉलेज के एक प्रोफेसर पर छात्रों को भड़काने के सबूत मिले थे, इसके अलावे कुछ अन्य प्रोफेसर तथा कर्मियों पर भी सुनियोजित तरीके से छात्रों को भड़काने के आरोप लगे थे। विश्वविद्यालय ने उक्त प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया था।

बड़ा सवाल, छात्रों को कैसे मिली गोपनीय पत्र की जानकारी

गुरूवार को छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद कई सवाल खड़ा होने लगे है। बता दें कि विश्वविद्यालय द्वारा बुधवार की रात मुकेश कुमार सिन्हा को प्राचार्य बनाए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी। अभी वे कॉलेज में आए भी नहीं थे कि छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों के इस प्रदर्शन से जाहिर है कि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए गोपनीय पत्र की जानकारी मिल चुकी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि उन्हें उस गोपनीय पत्र की जानकारी किसने दी है। गौरतलब हो कि पूर्व में भी छात्रों के बवाल में कॉलेज कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, लिहाजा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि मुकेश सिन्हा से खार खाए कर्मियों ने ही एक बार फिर से छात्रों को भड़का उनका इस्तेमाल मोहरा के तौर पर किया हो। 

कहते है प्राचार्य

छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। वे सिर्फ विश्वविद्यालय प्रबंधन से ही बात करना चाहते है। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन को दी गई है। बहुत जल्द विश्वविद्यालय का डेलीगेट कॉलेज में आकर छात्रों से वार्ता करेंगे। फिलहाल छात्रों ने कॉलेज संपति को नुकसान नहीं पहुंचाया है। - डॉ. रियाज अहमद, प्राचार्य, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरांव