जलसाजी का नया ट्रेड, कैंसल चेक से भजा लिए 49 हजार 500 रूपए, हैरान है बैंक प्रबंधन
- पुराना भोजपुर के इंडियन बैंका था कैंसल चेक
- बड़ा सवाल, चेक पर लिखे कैंसल को कैसे मिटाया
केटी न्यूज/डुमरांव
साइबर अपराध के प्रति प्रशासन द्वारा लोगों तथा उपभोक्ताओं को जितना जागरूक किया जा रहा है उतना ही यह मामला बढ़ते जा रहा है। साइबर अपराधियों द्वारा नित नयें नयें ट्रेड अपना लोगों की गाढ़ी कमाई चुरा ली जा रही है। नया भोजपुर ओपी थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एक उपभोक्ता को फाइनेंस कराने के नाम पर किसी टाटा कैपिटल फाइनेंस का कर्मी बन एक जालसाज ने पहले उससे साइन किया हुआ
कैंसल चेक लिया। फिर चेक पर कलम से लिखे कैंसल को किसी केमिकल से मिटा उस चेक के सहारे 49 हजार 500 रूपए की निकासी कर ली। बाद में जब उपभोक्ता के मोबाईल पर पैसा कटने का मैसेज आया तो वह भौच्चक रह गया तथा बैंक जाकर असलियत जानना चाहा। जब बैंक द्वारा उसे वह चेक दिखाया गया जिससे निकासी की गई थी तब जाकर उसे ठगी का अहसासा हुआ। पीड़ित पुराना भोजपुर के द्वारिका प्रसाद ने बताया कि उसके मोबाईल पर टाटा कैपिटल फाइनेंस कंपनी के
नाम पर फोन आया था तथा बताया गया कि यदि आप लोन लेने के इच्छुक है तो आपके पास मेरा कर्मी जाएगा तथा कागजी प्रक्रिया पूरी करा लोन दिलवा देगा। मेरे हामी भरने पर एक अज्ञात व्यक्ति आया तथा मुझे लोन देने के नाम पर बंधक के तौर पर मुझसे एक कैंसल चेक मांगा। तब मैनें एक चेक उसे कैंसल कर दे दिया। लेकिन उसी चेक से 49 हजार 500 की निकासी कर ली गई है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद बैंक प्रबंधन की मुश्किलें भी बढ़ गई। बता दें कि यह अबतक का
पहला ऐसा मामला है जहां कैंसल चेक को भजा लिया गया। बैंक सूत्रों की मानें तो चेक पर कैंसल को इतनी सफाई से मिटाया गया था कि वह यूबी लैंप से भी दिखाई नहीं दे रहा था। बहुत ध्यान से देखने पर ही पता चल रहा था कि कैंसल को मिटाया गया है। इस मामले में बड़ा सवाल तो यह है कि चेक पर कलम से लिखे गए कैंसल
को इतने सफाई से कैसे मिटाया गया है। इस मामले में बैंक की भूमिका पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। पीड़ित व्यवसायी द्वारा मोबाईल नंबर के आधार पर एफआईआर दर्ज कराया गया है। वही नया भोजपुर ओपी प्रभारी सुबोध कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।