21 मार्च को डुमरांव में होगा शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का आयोजन
21 मार्च को डुमरांव के राज हाईस्कूल खेल मैदान में शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जयंती मनाई जाएगी। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है।

- तैयारी में जुटा अनुमंडल प्रशासन, राज हाई स्कूल के खेल मैदान में आयोजित होगा समारोह
21 मार्च को डुमरांव के राज हाईस्कूल खेल मैदान में शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जयंती मनाई जाएगी। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है।
मैदान की सफाई करते हुए आकर्षक पंडाल बनाए जा रहे हैं। मालूम हो कि यह इलाका कला व संस्कृति के मर्मज्ञों की भूमि रही है। उस्ताद स्व. बिस्मिल्लाह खां भी इसी क्षेत्र के धरती के लाल हैं। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का आयोजन कला संस्कृति विभाग की तरफ से किया जा रहा है।
मालूम हो कि डुमरांव में 21 मार्च 1916 को जन्में कमरुद्दीन ही आगे चलकर शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां बन गए। वैसे तो उस्ताद तीन भाई थे शम्सुद्दीन, कमरुद्दीन और सौतेले भाई पचकौड़ी मियां। तीनों भाईयों में अटूट प्रेम था। दो भाई बनारस तो पंचकौड़ी मियां ने अपनी पूरी जिंदगी डुमरांव में ही गुजार दी। बिस्मिल्लाह और शहनाई सिक्के के दो पहलू है।
डुमरांव राज के बांके बिहारी मंदिर के प्रांगण में उस्ताद के अब्बा शहनाई वादन का काम किया करते थे। बक्सर जिला गंगा-जमुनी तहजीब की बड़ी मिसाल है। यहां के लोग आपसी मिल्लत के साथ रहते हैं, तो उस्ताद भी इसके बड़े उदाहरण थे। पांच समय के नमाजी स्व. बिस्मिल्लाह खां मंदिरों में शहनाई वादन किया करते थे।
ये वही डुमरांव है जिसकी सोधी मिट्टी ने कमरुद्दीन की शहनाई पर ऐसी राग छेड़ी की पूरी दुनिया उनकी मुरीद बन गई। वर्ष 1979 में बिस्मिल्लाह खां ने डुमरांव महाराज के बड़े बाग में भोजपुरी फिल्म बाजे शहनाई हमार अंगना का मुहूर्त के लिए आए थे। उनको देखने के लिय भीड़ उमड़ पड़ती थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है कि डुमरांव में उस्ताद की जयंती को राजकीय समारोह का दर्जा देकर उसे मनाया जा रहा है। उनके नाम पर जल्द ही संगीत महाविद्याल बनने जा रहा है, इसकी घोषणा हो चुकी है। इधर प्रखंड कार्यालय परिसर में उनके नाम पर मेमोरियल हॉल बनाने का स्थल चयनित किया जा चुका है। इसको बनाने के लिये काम कब शुरू किया जाएगा किसी को कुछ पता नहीं है।
इधर उनका महोत्सव शुरू होने में तीन-चार दिन का समय है, लेकिन राज हाईस्कूल में इसकी तैयारी को देखकर डुमरांव और इसके आसपास क्षेत्र के युवक-युवतियों सहित गीत-संगीत प्रेमियों में काफी उत्साह है।