बदलाव का संकल्प लेकर निकले रवि उज्जवल कुशवाहा

डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी धीरे-धीरे तेज होने लगी है। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भावी प्रत्याशी माने जा रहे रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने सोमवार को नावानगर, कतिकनार, सोनवर्षा, बेलाव और रूपसागर पंचायतों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और डुमरांव में राजनीतिक बदलाव का आह्वान किया।

बदलाव का संकल्प लेकर निकले रवि उज्जवल कुशवाहा

-- कई पंचायतों में जनसंपर्क अभियान चलाकर 5 सितम्बर को शहादत दिवस कार्यक्रम में आमंत्रण

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी धीरे-धीरे तेज होने लगी है। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भावी प्रत्याशी माने जा रहे रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने सोमवार को नावानगर, कतिकनार, सोनवर्षा, बेलाव और रूपसागर पंचायतों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और डुमरांव में राजनीतिक बदलाव का आह्वान किया।

ग्रामीणों से मुलाकात के क्रम में श्री कुशवाहा ने कहा कि डुमरांव विधानसभा वर्षों से विकास से वंचित है। यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करती रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों पर कभी गंभीरता से काम नहीं हुआ। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस बार चुनाव में एकजुट होकर बदलाव की दिशा में निर्णय लें, ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर हो सके।

इसी क्रम में उन्होंने 5 सितम्बर को शहीद जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस पर डुमरांव नगर भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समाज और राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित होगा। इसमें बड़ी संख्या में शामिल होकर शहीद के प्रति श्रद्धांजलि देने और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।

जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रामीणों ने भी अपनी समस्याओं से अवगत कराया। नावानगर और सोनवर्षा में लोगों ने खराब सड़कों और पेयजल संकट की बात रखी, जबकि बेलाव और रूपसागर पंचायत में बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। श्री कुशवाहा ने आश्वासन दिया कि बदलाव की राह पर चलकर इन समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाएगा।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में समर्थक भी उनके साथ मौजूद रहे। इनमें सरदार कुशवाहा, अशोक कुशवाहा, मुन्ना कुशवाहा, सुशील सिंह, धेनुक धारी, डॉ. बिहारी कुशवाहा, शंकर मौर्य, राजू कुशवाहा, सूर्यकांत कुशवाहा, बलिराम कुशवाहा और विरबल कुशवाहा प्रमुख रूप से शामिल थे।