आतंकी हमले में दोनों पैर गवांने वाले रिटायर्ड फौजी की सड़क दुर्घटना में मौत, पसरा मातम
वर्ष 2009 में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में दोनों पैर गंवाने वाले अनुमंडल के ब्रह्मपुर प्रखंड के निमेज गांव निवासी उमेश ओझा ( 50 ) की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। यह हादसा गुरूवार की सुबह करीब नौ बजे पटना बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग 922 पर देवकुली फिल्ड के पास हुआ।

- ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के देवकुली फिल्ड के पास एनएच 922 पर हुए हादसे का शिकार, इलाज के दौरान हुई मौत
- आतंकी हमले में दोनों पैर गंवाने के बाद सरकार ने दिया था तीन पहिए वाला स्कूटी, निमेज के रहने वाले थे पूर्व फौजी
केटी न्यूज/डुमरांव
वर्ष 2009 में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में दोनों पैर गंवाने वाले अनुमंडल के ब्रह्मपुर प्रखंड के निमेज गांव निवासी उमेश ओझा ( 50 ) की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। यह हादसा गुरूवार की सुबह करीब नौ बजे पटना बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग 922 पर देवकुली फिल्ड के पास हुआ।
दुर्घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों द्वारा उन्हें आनन-फानन में नजदीक के एक निजी अस्पताल पहंुचाया गया, लेकिन प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया था। इसके बाद उन्हें रघुनाथपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही स्वजनों में कोहराम मच गया।
वहीं, घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में भी मायूशी छा गई है। ग्रामीणो का कहना है कि वे काफी साहसी व मिलनसार थे। आतंकी हमले में दोनों पैर गंवाने के बावजूद उनके चेहरे पर कभी भी सिकन नहीं दिखाई पड़ती थी, बल्कि वे हमेशा युवाओं को देश सेवा की प्रेरणा देते रहते थे।
वहीं, इस घटना की जानकारी मिलते ही ब्रह्मपुर पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम करा स्वजनों को सौंप दिया। इसके बाद स्वजन भरे मन से बक्सर स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किए।वे अपने पिता राम नजर ओझा, पत्नी कंचन देवी के अलावे दो पुत्रों 21 वर्षीय अभय कुमार ओझा व 18 वर्षीय अंकुश कुमार ओझा को छोड़ गए है। घटना के बाद से पूरे परिवार को रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
वर्ष 2009 में बस से जा रही सेना के काफिले पर हुआ था हमला
उनके छोटे पुत्र अंकुश ओझा ने बताया कि मेरे पिताजी आर्मी में नायक के पद पर थे। वर्ष 2009 में वे सेना की एक टुकड़ी के साथ बस से कही जा रहे थे, इसी दौरान आतंकियों ने बस पर बम फेक दिया था। इस हमले में उनके दोनों पैर उड़ गए थे। जिसके बाद सेना ने उन्हें रिटायर्ड कर दिया था। सरकार द्वारा उन्हे एक तीन चक्के वाला स्कूटी दिया गया था।
इसी स्कूटी से वे गुरूवार को एक रिश्तेदार से मिलने देवकुली गए थे, उधर से लौटने के दौरान देवकुली फिल्ड के पास किसी वाहन ने उनकी स्कूटी में धक्का मार दिया। इस घटना में उन्हें गंभीर चोटें आई थी तथा इलाज के दौरान मौत हो गई। रिटायर्ड फौजी की मौत से पूरा गांव मर्माहत हो उठा है।