रात के अंधेरे में अलाव ढूंढता रहा राजस्व कर्मचारी
अंचल का एक ऐसा करनामा प्रकाश में आया है जिसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे। जिला प्रशासन के द्वारा कड़ाके के ठंड को देखते हुए सभी अंचल को निर्देश दिया गया था कि अपने क्षेत्र के चौक चौराहे पर अलाव की व्यवस्था करनी है
केटी न्यूज/केसठ
अंचल का एक ऐसा करनामा प्रकाश में आया है जिसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे। जिला प्रशासन के द्वारा कड़ाके के ठंड को देखते हुए सभी अंचल को निर्देश दिया गया था कि अपने क्षेत्र के चौक चौराहे पर अलाव की व्यवस्था करनी है,
लेकिन अंचल केसठ द्वारा अभी तक ऐसा नहीं किया गया हैं। हद तो तब हो गई जब जिला प्रशासन ने अंचल के एक कर्मी से अलाव बांटते समय का या अलाव जलाते समय का फोटो मांगा गया, तब वो कर्मी सर्द रात में गांव के गलियों में घूमते नजर आया कि कही कोई अलाव जलाते नजर आ जाए तो उसका फोटो क्लिक कर जिला को भेजी जाए। बहुत प्रयास करने के बाद राजस्व कर्मचारी अमित कुमार को अलाव सेंकते कुछ लोग नजर आए।जिसे उक्त राजस्व कर्मचारी ने अपने कैमरे में कैद कर जिला में भेज दिया। उक्त राजस्व कर्मचारी केसठ के वार्ड 15 में जा कर फोटो क्लिक किया।
जब इस संबंध में जानने के लिए पंचायत के उप मुखिया अमितेश कुमार गुप्ता से दूरभाष से बात हुई तो उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात्रि करीब 8 बजे के आस पास राजस्व कर्मचारी अमित कुमार हमारे गली में पहुंचे जहां हम मोहल्ले के कुछ लोगों के साथ अलाव का आनंद ले रहे थे। तभी उनके द्वारा फोटो क्लिक किया गया। जब हमलोगों ने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि जिला से रिपोर्ट मांगा गया है कि क्षेत्र में अलाव जल रहा है कि नहीं।
जब वहां उपस्थित युवकों ने ये बात सुना तो आश्चर्य चकित हो गए, की अंचल के द्वारा अभी तक कही भी अलाव की व्यवस्था नहीं किया गया और ये कर्मी जिले को गलत जानकारी दे रहा है। मजे की बात तो ये है कि अंचल कार्यालय में पिछले साल में अलाव के लिए एक पेड़ को कटवाया गया था और क्षेत्र में बांटा गया था, लेकिन जब अंचल कार्यालय में पहुंचा गया तो पाया कि अभी पिछले साल के अलाव को बिना बांटे अंचल के भंडार घर में रखा गया है। सोचने वाली बात ये है
कि इतनी कड़ाके कि ठंड में जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भी अलाव नहीं वितरण किया गया साथ ही साथ पिछले साल का भी लकड़ी अंचल में रखा गया। जैसे ही शुक्रवार की सुबह लोगों के बीच इस घटना की जानकारी मिली तो लोगों ने इसे सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और जिम्मेदारी की घोर कमी की संज्ञा दी। कड़ाके की ठंड में लोगों को अलाव की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा लगता है
कि अंचल केसठ के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। साथ ही साथ लोगों ने कहा कि यह बात भी चौंकाने वाली है कि पिछले साल के अलाव को अभी तक अंचल के भंडार घर में रखा गया है। यह सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को दर्शाता है।