संत जोसफ गर्ल्स हाई स्कूल पुराना भोजपुर ने एक दर्जन शिक्षकों को नौकरी से हटाया
पुराना भोजपुर के संतजोसफ गर्ल्स हाई स्कूल के हिन्दी मीडियम की मान्यता बिहार बोर्ड द्वारा स्थगित किए जाने के बाद से यहां विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पहले जहां विभाग के फैसले से करीब 350 छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है, वहीं अब विद्यालय प्रबंधन ने करीब एक दर्जन शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया है। जिसके बाद शिक्षकों पर आफत आ गई है।

- बिहार बोर्ड से रजिस्टेªशन रद्द होने के बाद पहले से ही अधर में लटका है 350 छात्राओं का भविष्य
- शिक्षा विभाग की उदासीनता से नहीं निकल रहा है समस्या का समाधान
केटी न्यूज/बक्सर
पुराना भोजपुर के संतजोसफ गर्ल्स हाई स्कूल के हिन्दी मीडियम की मान्यता बिहार बोर्ड द्वारा स्थगित किए जाने के बाद से यहां विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पहले जहां विभाग के फैसले से करीब 350 छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है, वहीं अब विद्यालय प्रबंधन ने करीब एक दर्जन शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया है। जिसके बाद शिक्षकों पर आफत आ गई है।
नौकरी से निकाले जाने वाले शिक्षकों का कहना है कि ताउम्र हमनें अपनी जिंदगी इस विद्यालय के बच्चों को पढ़ाने में खपा दी, लेकिन आज शिक्षा विभाग की टेढ़ी खीर का शिकार हम भी बने हुए है। 31 मार्च 2025 तक शिक्षकों को वेतन देने के बाद विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें नौकरी से हटा दिया है। अब सभी शिक्षक बेसहारा हो गए हैं।
तालाबंदी का अल्टीमेटम दे चुके है अभिभावक
बता दें कि इस विद्यालय में सातवीं से दसवीं तक की पढ़ाई न होने से बच्चियांे का भविष्य चौपट हो रहा है। अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन शुरू से ही हिन्दी माध्यम की शिक्षा के विरुद्ध अपनी नजर जमाए हुए हैं। जैसे ही शिक्षा विभाग की टीम ने विद्यालय के निबंधन को रद्द किया, विद्यालय प्रबंधन को मौका मिल गया और विद्यालय प्रबंधन जबरदस्ती अंग्रेजी माध्यम में छात्रों का दाखिला लेने का दबाव परिजनों पर बनाने लगा।
अभिभावकों का कहना है कि 22 अपै्रल को विद्यालय प्रबंधन के साथ मीटिंग हैं। हमारी बेटियों की समस्या का निदान नहीं हुआ तो हम आगे तक इसकी लड़ाई लड़ेंगे। अभिभावकों ने विद्यालय के गेट में ताला जड़ने का अल्टीमेटम भी दिया है।
बड़ा सवाल! क्या समतुल्य सरकारी विद्यालयों में कोई कमी नहीं?
अभिभावक का शिक्षा विभाग से यह सीधा प्रश्न है कि जिन नियमों का हवाला देते हुए संत जोसेफ की मान्यता को रद्द किया गया, क्या ये सुविधाएं जिले के अन्य सरकारी विद्यालयों में मौजूद हैं? क्या सभी सरकारी विद्यालयों में नगर परिषद से स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रमाण पत्र, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र एवं तमाम दस्तावेज मौजूद है? अभिभावकों ने बताया कि संत जोसेफ स्कूल अपने समतुल्य के सरकारी विद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं के अपेक्षाकृत काफी बेहतर है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विद्यालय की पहचान रही है। ऐसे में जांच को पहुंची टीम क्या बुनियादी सुविधाओं की पड़ताल करने किन्हीं अन्य सरकारी विद्यालयों में नहीं गई? क्या कारण है कि बेहतर शैक्षणिक माहौल होते हुए भी मानकों पर खरा न बताकर विद्यालय के निबंधन को रद्द कर दिया गया जिसका खामियाजा आज यहां की बच्चियां और शिक्षक भुगत रहे है।
अब देखना है कि इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग क्या कर रहा है तथा 350 बच्चियां कबतक शिक्षा पाने से वंचित रह रही है।