कुख्यात आजाद पासवान पर जानलेवा हमले में छह नामजद, जांच में जुटी पुलिस
- पत्नी के बयान पर दर्ज हुआ एफआईआर, नाजूक स्थिति में चल रहा है कुख्यात का इलाज
केटी न्यूज/डुमरांव
इलाके के कुख्यात नक्सली सरगना आजाद पासवान पर जानलेवा हमले मामले में उसकी पत्नी कलावती देवी के बयान पर वासुदेवा ओपी थाने में छह पर नामजद एफआईआर दर्ज कराया गया है। कुख्यात की पत्नी ने जिन लोगों को नामजद किया है उसमें सिकरौल थाना क्षेत्र के पतरकोना के स्व. लक्ष्मण तिवारी के पुत्र सोनू तिवारी, भरत तिवारी के पुत्र ललू तिवारी, परसागंडा के नारद प्रधान के पुत्र नीरज प्रधान, अवध बिहारी प्रधान के पुत्र नवीन प्रधान, स्व. छबीला प्रधान के पुत्र जंगाली प्रधान तथा सुरेश प्रधान के नाम शामिल है।
बता दें कि 12 जून 2006 को आजाद ने लक्ष्मण तिवारी की हत्या कर दी थी। इसी घटना के प्रतिशोध में उस पर जानलेवा हमला किए जाने की बात आजाद तथा उसके परिजनों द्वारा बताई जा रही है। एफआईआर दर्ज कर पुलिस मामले के अनुसंधान में जुट गई है। पुलिस परिजनों के बयान तथा एफआईआर के अलावे भी कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। इधर आरा के निजी अस्पताल के गहन चिकित्साकक्ष में इलाजरत आजाद पासवान की हालत नाजूक बनी हुई है।
बता दें कि बुधवार को दिन के 11 बजे कुख्यात नक्सली सरगना रहे आजाद पासवान को सिकरौल भोजपुर राजवाहा मार्ग पर आथर गांव से पश्चिम घेरकर गोलीमारी गई थी। आजाद को पैर, जांघ व पजरी समेत कुल चार जगहों पर गोली मारी गई है। हालांकि, समय से अनुमंडलीय अस्पताल में प्राथमिक इलाज मिलन से उसकी जान बच गई हैं, लेकिन अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
हेलमेट के कारण बच गई जान
घटना के वक्त आस पास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अपराधी जिस वक्त उसे गोली मार रहे थे तो आजाद ने उनका प्रतिकार भी किया था। जिस कारण अपराधी अपना निशाना चूक गए तथा शरीर के नाजूक अंगों पर गोली नहीं लग पाई। किसानों ने कहा कि हमले के वक्त आजाद हेलमेट पहने हुए था। हमलावरों ने उसका हेलमेट खोलने का प्रयास किया था,
ताकी उसके सर में गोली मारी जा सके। लेकिन, आजाद के प्रतिकार के कारण वे इसमें सफल नहीं हुए। इसी दौरान खेतों में काम कर रहे किसानों ने भी हिम्मत का परिचय देते हुए अपराधियों को ललकाते हुए उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़ने लगे। किसानों के शोरगुल से घबराकर अपराधी भाग खड़े हुए।
इलाके में गहराया जातीय उन्माद
आजाद पासवान पर जानलेवा हमला तथा इसके बाद नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज कराए जाने से इलाके में जातीय उन्माद बढ़ गया है। जबकि आस पास के ग्रामीणों को हिंसा प्रतिहिंसा की चिंता सताने लगी है। आजाद के पूर्व इतिहास तथा उसके खौफनाक कार्यों से वाकिफ लोगों इस बात का डर है कि इस घटना का प्रतिशोध लिया जा सकता है। जिस कारण लोग सहमें हुए है। सूत्रों का कहना है कि तनाव दोनों तरफ से कायम है। हालांकि पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।
कहते है डीएसपी
आजाद पासवान पर जानलेवा हमला करने वाले चिन्हित कर लिए गए है। उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस काफी तत्पर है। किसी को कानून तोड़ने या हिंसा फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।