नाथ बाबा मंदिर में तस्करी का खेल, माफियाओ ने उड़ा दिए 50 साल पुराने चंदन के दो पेड़

बक्सर जिले में चंदन तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसडीओ के सरकारी आवास से सटे नाथ बाबा मंदिर परिसर से मलयागिरी प्रजाति के करीब 50 वर्ष पुराने चंदन के दो पेड़ों की किसी ने चोरी कर ली है। इस चोरी ने यह संकेत दे दिया है कि जिले में अब स्थानीय नहीं, बल्कि संगठित और पेशेवर तस्कर सक्रिय हो चुके हैं।

नाथ बाबा मंदिर में तस्करी का खेल, माफियाओ ने उड़ा दिए 50 साल पुराने चंदन के दो पेड़

-- एसडीओ आवास से सटे मंदिर परिसर में कही संगठित गिरोह की दस्तक तो नहीं, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर जिले में चंदन तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसडीओ के सरकारी आवास से सटे नाथ बाबा मंदिर परिसर से मलयागिरी प्रजाति के करीब 50 वर्ष पुराने चंदन के दो पेड़ों की किसी ने चोरी कर ली है। इस चोरी ने यह संकेत दे दिया है कि जिले में अब स्थानीय नहीं, बल्कि संगठित और पेशेवर तस्कर सक्रिय हो चुके हैं।

-- अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक फैला चंदन का खेल

जानकारों के अनुसार मलयागिरी चंदन दुनिया की सबसे महंगी चंदन प्रजातियों में शुमार है। इसकी खुशबू और औषधीय गुणों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लाखों रुपये तक पहुंच जाती है। ऐसे में मंदिर परिसर से दो विशाल चंदन के पेड़ों का गायब होना सामान्य चोरी नहीं, बल्कि एक सोची-समझी तस्करी की ओर इशारा करता है।

-- 25 फीट लंबे पेड़, तैयारी पूरी थी

करीब 25 फीट लंबे और भारी-भरकम चंदन के पेड़ों को काटकर ले जाना किसी आम चोर के बस की बात नहीं। जिस अंदाज में पेड़ों को काटा गया और सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला गया, उससे साफ है कि चोर पूरी तैयारी, औजारों और पर्याप्त जनशक्ति के साथ आए थे। यह घटना बताती है कि तस्करों ने मौके की रेकी पहले से कर रखी थी।

-- बाउंड्री वॉल के पीछे से घुसे चोर

प्रारंभिक जांच में एसडीओ आवास की पिछली बाउंड्री वॉल से घुसपैठ के निशान मिले हैं। मौके से रस्सा और सीढ़ी का मिलना इस बात की पुष्टि करता है कि चोरों को परिसर की संरचना, रास्तों और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी थी। इससे अंदरूनी सूचना लीक होने की आशंका भी गहराने लगी है।

-- सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

नाथ अखाड़ा से जुड़े लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में वर्षों पुराने चंदन के पेड़ होने की जानकारी सभी को थी, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए न तो निगरानी की व्यवस्था थी और न ही किसी तरह का रिकॉर्ड रखा गया था। एसडीओ आवास के इतने करीब से चोरी होना सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक मानी जा रही है।

-- तस्करी एंगल से जांच में जुटी पुलिस

घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे इसे अंतरजिला चंदन तस्करी नेटवर्क से जोड़कर देख रहे हैं। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तस्करी एंगल से जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि चोरी किया गया चंदन किस रास्ते, किस वाहन और किस गिरोह के जरिए बाहर भेजा गया।नाथ बाबा के साए में हुई यह चोरी अब जिले में चंदन माफिया की मौजूदगी का बड़ा संकेत बन चुकी है, जिसे रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।