किल्लर किशोरी की कहानी: स्वर में था जादू, बनना चाहती थी सिंगर, बन गई मर्डरर

किल्लर किशोरी की कहानी: स्वर में था जादू, बनना चाहती थी सिंगर, बन गई मर्डरर

- चंदन को गोली मारने वाली किशोरी का रिलीज हो चुका है एक भक्ति कैसेट

केटी न्यूज/डुमरांव

वह सिंगर बनना चाहती थी, उसके स्वर में जादू था, भक्ति गीतों पर आधारित उसका एक कैसेट भी जारी हुआ था। जिसे खासी लोकप्रियता मिली है। कम उम्र में ही गायकी के क्षेत्र में वह धाक जमाने लगी थी। यू ट्यूब पर उसके फालोअरों की कमी नहीं थी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। लव ट्रांयगुलर में उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई। सिंगर बनते बनते वह मर्डरर बन गई। यह कहानी है 18 अप्रैल की सुबह अरियांव में अपने कथित प्रेमी शक्ति विजय सिंह उर्फ चंदन सिंह को गोली मारने वाली किशोरी की। जानकारों की मानें तो बचपन से ही वह सामान्य लड़कियों से अलग थी। ग्रामीण माहौल में रहते हुए भी काफी स्वच्छंद रहना पसंद करती थी। पढ़ाई में भी ठीक ठाक थी। लेकिन उसकी सबसे बड़ी खासियत थी कि वह एक अच्छी गायिका थी। उसके स्वर को सुन संगीत के जानकार उसे गायकी क्षेत्र का बड़ा सितारा बनने की भविष्यवाणी कर रहे थे। पहले कैसेट के जारी होने के बाद से ही उसके फालोअरों की संख्या तेजी से बढ़ी थी। वह संगीत के गुर सीख ही रही थी कि प्रेम त्रिकोण के जाल में फंस गई। चंदन का उसके जीवन में आना उसके लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। सूत्रों का कहना है कि उसके बाद से वह गायकी की दुनिया से दूर होने लगी। पहले तो चंदन के साथ सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन बाद में पुराने प्रेमी अंकित के फिर से आने के बाद से उसके जीवन में उथल पुथल मच गया था। वह दो प्रेमियों के बीच इस कदर उलझ गई थी कि उसे भला बुरा का ज्ञान नहीं रह गया था। यही कारण है कि चंदन के परेशान करने तथा सरेआम छेड़खानी की बात को वह अपने परिजनों को बताने के बदले खुद चंदन को सबक सिखाने की ठानी। जिसके बाद जो हुआ उससे उसके सिंगर बनने का सपना न सिर्फ अधूरा रह गया है बल्कि बाल सुधार गृह में बाकी की जिंदगी गुजारने को मजबूर हो रही है। इस घटना के बाद लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर गायिकी के क्षेत्र में कैरियर बनाने की सोंचने वाली तथा कई तरह के वाद्य यंत्रों पर अंगुलियां फेरने वाली किशोरी आखिर क्यों पिस्टल का ट्रिगर दबाने को मजबूर हुई।