नौ साल पुराने बक्सर हत्याकांड में सख्त फैसला, जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव समेत चार को उम्रकैद

बक्सर में वर्ष 2016 के बहुचर्चित हरेंद्र सिंह हत्याकांड में लगभग नौ वर्ष बाद बड़े कानूनी फैसले ने पूरे जिले का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। एडीजे-3 की अदालत ने मंगलवार को पश्चिमी जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव समेत चार अभियुक्तों जयराम पासवान, अजय कुमार और चतुरी साह, को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए घटना को “योजनाबद्ध हत्या” करार दिया। अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए हत्या, मारपीट और अवैध हथियार रखने से जुड़े विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजाएं भी सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

नौ साल पुराने बक्सर हत्याकांड में सख्त फैसला, जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव समेत चार को उम्रकैद

-- एडीजे-3 अदालत ने हत्या को बताया योजनाबद्ध अपराध, सभी दोषियों पर भारी जुर्माना भी, हरेंद्र सिंह की पत्नी ने दर्ज कराई थी एफआईआर 

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर में वर्ष 2016 के बहुचर्चित हरेंद्र सिंह हत्याकांड में लगभग नौ वर्ष बाद बड़े कानूनी फैसले ने पूरे जिले का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। एडीजे-3 की अदालत ने मंगलवार को पश्चिमी जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव समेत चार अभियुक्तों जयराम पासवान, अजय कुमार और चतुरी साह, को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए घटना को “योजनाबद्ध हत्या” करार दिया। अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए हत्या, मारपीट और अवैध हथियार रखने से जुड़े विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजाएं भी सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

अपर लोक अभियोजक रामनाथ ठाकुर और प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि 23 अगस्त 2016 को बस स्टैंड में कार्यरत हरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक की पत्नी इंदु देवी ने तत्काल एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसने पूरे मामले का असली एंगल उजागर किया। उनके अनुसार, हरेंद्र सिंह जमीन व्यवसाय में निवेश करते थे और इसी क्रम में विकास वर्मा उनसे भारी राशि लेकर लौटाने में लगातार बहाने बना रहा था। घटना वाले दिन विकास वर्मा शाम को हरेंद्र के घर आया और आंशिक रकम लौटाई। अधूरी राशि को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस हुई।

इसी दौरान विकास वर्मा ने रात में पूरा पैसा देने का वादा किया और “पार्टी” के बहाने हरेंद्र को साथ ले गया। थोड़ी देर बाद शहर में गोली चलने और हरेंद्र के घायल होने की सूचना फैली। अस्पताल ले जाते समय ही उनकी मौत हो गई।जांच के दौरान पुलिस को कई तकनीकी साक्ष्य मिले, जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी। कॉल डिटेल, लोकेशन, घटनास्थल के साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही ने रिंकू यादव, जयराम पासवान, अजय कुमार और चतुरी साह की संलिप्तता साबित कर दी। अदालत में प्रस्तुत इन साक्ष्यों को विश्वसनीय मानते हुए न्यायालय ने सभी को दोषी करार दिया।

अदालत ने धारा 302 के तहत उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माना, धारा 326 में 10 वर्ष कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना तथा आर्म्स एक्ट धारा 27 में 4 वर्ष कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। न्यायालय ने टिप्पणी की कि अपराध न केवल गंभीर था, बल्कि इसे पूरी योजना के तहत अंजाम दिया गया।लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हरेंद्र सिंह के परिवार ने राहत की सांस ली है। स्थानीय स्तर पर भी इस फैसले को एक महत्वपूर्ण न्यायिक कार्रवाई माना जा रहा है, जिसने जिले में आपराधिक मामलों पर अदालत की कड़ी दृष्टि का स्पष्ट संदेश दिया है।