साहित्य, संस्कृति और आपसी भाईचारे का प्रतीक : जिलाधिकारी

राज्य उर्दू निदेशालय, जिला प्रशासन एवं जिला उर्दू कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्धन के उद्देश्य से कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरे का भव्य आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने नगर भवन बक्सर में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

साहित्य, संस्कृति और आपसी भाईचारे का प्रतीक : जिलाधिकारी

- नगर भवन में उर्दू भाषा के संवर्धन हेतु कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरे का हुआ आयोजन

- जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया कार्यशाला का शुभारंभ 

केटी न्यूज/बक्सर

राज्य उर्दू निदेशालय, जिला प्रशासन एवं जिला उर्दू कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्धन के उद्देश्य से कार्यशाला, सेमिनार एवं मुशायरे का भव्य आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने नगर भवन बक्सर में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह साहित्य, संस्कृति और आपसी भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा की विशेषता यह है कि यह हिंदी, फ़ारसी, संस्कृत और अरबी भाषाओं के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी व्याकरण और मुहावरे हिंदी भाषा से इतने घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं कि उन्हें अलग करना कठिन हो जाता है।

जिलाधिकारी ने उर्दू साहित्य की समृद्ध परंपरा पर भी चर्चा की और कहा कि मुनशी प्रेमचंद, कृशन चंदर, राजेंद्र सिंह बेदी, पंडित रतननाथ सरशार, जगन्नाथ आज़ाद, फिराक़ गोरखपुरी और गोपीचंद नारंग जैसे महान साहित्यकारों ने उर्दू साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उप विकास आयुक्त महेंद्र पाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस आयोजन की सफलता की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम भाषाई एवं सांस्कृतिक समृद्धि के लिए आवश्यक हैं।

उर्दू की अपनी अलग पहचान :

वहीं, कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है जो दिलों को जोड़ती है। इसकी अपनी अलग पहचान है और इसमें कोमलता, मिठास एवं गहराई है, जो इसे दुनिया की सबसे प्रभावशाली भाषाओं में शामिल करती है।

इस दौरान बक्सर नगर परिषद अध्यक्ष ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन उर्दू भाषा की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।

कार्यक्रम में रही इनकी महत्वपूर्ण भूमिका :

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मोहम्मद अमानुल्लाह, उर्दू अनुवादक, जिला उर्दू भाषा कोषांग एवं मोहम्मद जहांगीर अंसारी, उर्दू अनुवादक की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों ने उर्दू भाषा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त बक्सर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी बक्सर, जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर एवं नगर परिषद अध्यक्ष उपस्थित थे।