अनुसूचित जाति के आशियाने पर चला प्रशासन का बुलडोज़र, ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

स्थानीय प्रखंड के केसठ में मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक टीम ने अनुसूचित जाति के परिवारों के आशियाने पर बुलडोज़र चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। दशकों से बसे ये परिवार कार्रवाई के दौरान रोते-बिलखते नजर आए। ठंड के मौसम में आशियाना टूट जाने से कई परिवार अब खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गए हैं।मिली जानकारी के अनुसार, जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में रामप्रवेश पासवान की ओर से कोर्ट में दायर अर्जी पर यह कार्रवाई की गई।

अनुसूचित जाति के आशियाने पर चला प्रशासन का बुलडोज़र, ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

केटी न्यूज/केसठ। 

स्थानीय प्रखंड के केसठ में मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक टीम ने अनुसूचित जाति के परिवारों के आशियाने पर बुलडोज़र चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। दशकों से बसे ये परिवार कार्रवाई के दौरान रोते-बिलखते नजर आए। ठंड के मौसम में आशियाना टूट जाने से कई परिवार अब खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गए हैं।मिली जानकारी के अनुसार, जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में रामप्रवेश पासवान की ओर से कोर्ट में दायर अर्जी पर यह कार्रवाई की गई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवराती मुसहर और भगन मुसहर सहित कई परिवार वर्षों से यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। कार्रवाई के दौरान इन परिवारों ने पदाधिकारियों से एक माह की मोहलत मांगी, लेकिन उनकी फरियाद अनसुनी रह गई।मौके पर मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन गरीब परिवारों के आशियाने उजाड़ने में तो तेजी दिखाता है, लेकिन बड़े-बड़े कब्जाधारियों तक पहुंचने में हिचकता है। उनका कहना है कि वर्षों से सरकारी जमीन पर बसे इन परिवारों की मेहनत और सपने एक झटके में ध्वस्त हो गए। लोगों ने सवाल उठाया कि क्या प्रशासन उतनी ही तत्परता से प्रभावशाली लोगों के अवैध कब्जे पर कार्रवाई करेगा। 

दूसरी ओर, केसठ अंचलाधिकारी अभिषेक गर्ग ने स्पष्ट किया कि यह पूरी कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है और प्रशासन कानून के दायरे में रहते हुए अपना कर्तव्य निभा रहा है। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी। स्थानीय अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों ने प्रशासन से पुनर्वास और ठंड से बचाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है, ताकि बेघर हुए लोग सुरक्षित रह सकें।