राजपुर में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम को झेलना पड़ा ग्रामीणों का विरोध, मान मनौव्वल जारी

राजपुर में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम को झेलना पड़ा ग्रामीणों का विरोध, मान मनौव्वल जारी

- डीएम के निर्देश पर भारी पड़ी अतिक्रमणकारियों की एकजुटता, पूरे दिन मशक्कत के बाद भी नहीं मिली सफलता

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केटी न्यूज/राजपुर

राजपुर प्रखंड के हरपुर पंचायत अंतर्गत ददुरा गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाने पहुंचे स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। पूरे दिन के मशक्कत के बावजूद भी सीओ के नेतृत्व में पहुंची प्रशासनिक टीम अतिक्रमण हटाने में सफल नहीं हो सकी। जबकि डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची थी। लेकिन प्रशासन व पुलिस टीम को देखते ही सैकड़ो की तादात में ग्रामीण एकजुट हो विरोध जताने लगे तथा प्रशासन के सामने अड़ गए। हालांकि अधिकारियों तथा पुलिस द्वारा ग्रामीणों को समझा-बुझाकर वापस भेजने का देर तक प्रयास किया। बावजूद उनका विरोध जारी रहा तथा घंटों मशक्कत के बाद भी अतिक्रमण हटाने का काम शुरू नहीं किया गया।

ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि पहले से ही इस जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को सरकार के तरफ से पर्चा मिला हुआ है। विदित हो कि गांव के ही गंगा दुसाध पिता शिवदहीन दुसाध के जमीन पर खाता संख्या 151 खेसरा संख्या 189 रकबा 42 डिसमिल पर गांव के ही टेंगरी राम, बेचन राम, रुनु राम, वीरेंद्र राम, जितेंद्र राम, हृदयनारायण राम, मनजी राम, भूलू राम, जनक पासवान, विजय पासवान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। जिसको लेकर गांव के ही मनु पासवान ने लिखित आवेदन देकर जिलाधिकारी से जांच की मांग किया था। जिसके आलोक में जांचोपरांत जिलाधिकारी ने अतिक्रमण मुक्त करने का फरमान जारी किया था। जिसको लेकर इससे पूर्व भी उक्त जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस गयी हुई थी।

उस दौरान भी लोगों ने विरोध कर बताया कि जमीन का पर्चा मिला हुआ है। जिसके कागजात की मांग कर जांच के लिए अंचल कार्यालय भी बुलाया गया था। जिन लोगों ने अपना परचा दिखाया उनमें किसी का भी सही नहीं पाया गया। सीओ सोहन राम ने बताया कि पर्चा रद्द करने के लिए जिला अधिकारी को सूचित किया गया है। वही एक बार फिर अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। समाचार लिखे जाने तक शाम 5.00 बजे तक अतिक्रमण हटाने में प्रशासन को कोई सफलता नहीं मिली है। हालांकि अभी भी प्रशासन अतिक्रमणकारियों को समझाने में लगी हुईlp है।