बक्सर में 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौथे दिन मंचित किए गए रामलीला व रासलीला के कई प्रसंग, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

बक्सर के किला मैदान स्थित रामलीला मैदान पर श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को श्रीधाम वृंदावन से पधारी

बक्सर में 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौथे दिन मंचित किए गए रामलीला व रासलीला के कई प्रसंग, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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केटी न्यूज/बक्सर  

बक्सर के किला मैदान स्थित रामलीला मैदान पर श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को श्रीधाम वृंदावन से पधारी सुप्रसिद्ध रामलीला मण्डल श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी सुरेश उपाध्याय व्यासजी के सफल निर्देशन में दिन में कृष्ण लीला व रात्रि में रामलीला के प्रसंगों का मंचन किया गया।

जिसमें देर रात्रि मंचित रामलीला कार्यक्रम के दौरान ब्रजवासी कलाकारों ने राम जन्म व नामकरण प्रसंग का मंचन करते हुए दिखाया कि रावण का अत्याचार बढ़ने पर इंद्रादि देवताओं द्वारा प्रभु का स्मरण किए जाने पर नारायण भगवान प्रकट होते हैं और सभी देवताओं को आश्वस्त करते हैं, अब आयोध्या में राजा दशरथ के यहां मेरा अवतार होने वाला है। मेरे इस अवतार में ही रावण वध का रहस्य छिपा है। 

इधर राजा दशरथ अपनी सभा में बैठे यह विचार करते हैं मेरे पास सब कुछ है परंतु कोई संतान नहीं है, यह विचार ते हुए वे गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं, जहां वशिष्ठजी उन्हें संतान प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ कराने का सुझाव देते हैं। इसके बाद गुरु वशिष्ठ श्रृंगी ऋषि को बुलवाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करवाते हैं। जहां यज्ञ से अग्निदेव प्रकट होकर राजा दशरथ को हवि प्रसाद देते हैं, जिसके प्रताप से महाराजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है। गुरु वशिष्ठ ने इनका नामकरण संस्कार किया और उनके नाम क्रमशः राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रखा जाता है। इस दौरान दर्शक दीर्घा से जय श्रीराम की उद्घोष होने लगती हैं और पूरा पंडाल जयकारों से गुंजायमान हो जाता हैं। नामकरण के दौरान गुरू वशिष्ट ने चारों नामों के अलग-अलग अर्थ भी बताए। 

इसके पूर्व दिन में रासलीला के तहत बाल कृष्ण के माखन चोरी प्रसंग को मंचित किया गया। जिसमें दिखाया गया कि श्रीकृष्ण को अपने घर में माखन चोरी करते हुए यशोदा मैया पकड़ लेती हैं और अपने लल्ला को माखन चोरी की आदत छोड़ने को कहती हैं कि इसी के कारण ब्रज की गोपियां तुम्हारी रोज शिकायत लेकर आती है। श्रीकृष्ण अपनी मैया को माखन चोरी छोड़ने का वचन देते हैं और दूसरी तरफ ब्रज गोपियों के घर माखन चोरी करने पहुंच जाते हैं। गोपियां कन्हैया को माखन चुराते रंगे हाथ पकड़ लेती है, लेकिन कृष्ण गोपियों को अपने बातों में उलझा कर उनके ही घर में बांधकर अपने सखाओं के साथ माखन की चोरी करते हैं। वही, जब गोपियां उनके घर शिकायत लेकर पहुंची तथा मां उनसे पूछताछ करती है तो वे कई तर्क देकर मां को चुप करा देते है। इस दौरान राशलीला मंडली द्वारा मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायों... गीत का मंचन करते ही दर्शक मंत्रमुग्ध हो श्रीकृष्ण की जयकार करने लगेे। लीलाओं के दौरान रामलीला पंडाल दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था।

कार्यक्रम के दौरान समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, कृष्णा वर्मा, कमलेश्वर तिवारी, उदय कुमार सर्राफ (जोखन), राजकुमार गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।