बक्सर नप के सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से शहर बेहाल
बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से अचानक सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। शहरभर में कचरा उठाव बंद हो गया, कई वार्डों में गंदगी के ढेर लग गए हैं और बदबू फैलने लगी है। सुबह से ही नगर परिषद के सैकड़ों सफाई कर्मी किला मैदान में जुटकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए, जिससे पूरे शहर की सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है।
-- कचरा उठाव ठप, मजदूरी व च्थ् भुगतान की मांग पर कर्मियों का मोर्चा, प्रशासन खामोश
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से अचानक सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। शहरभर में कचरा उठाव बंद हो गया, कई वार्डों में गंदगी के ढेर लग गए हैं और बदबू फैलने लगी है। सुबह से ही नगर परिषद के सैकड़ों सफाई कर्मी किला मैदान में जुटकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए, जिससे पूरे शहर की सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है।कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी तीन प्रमुख मांगों, 600 रुपए दैनिक मजदूरी तय करना, पीएफ की बकाया राशि का भुगतान व नियमित अपडेट, और मासिक मजदूरी का समय पर भुगतान, पर लिखित आश्वासन नहीं मिलता, वे काम पर नहीं लौटेंगे।

उनका आरोप है कि महीनों से लगातार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं हुई।धरना स्थल पर बैठी सफाई कर्मी धर्मशिला देवी ने भावुक होते हुए कहा कि हम लोग गर्मी-जाड़ा व बरसात में बिना रुके काम करते हैं, लेकिन जब मजदूरी की बात आती है तो बहाने सुनने पड़ते हैं। कई महीनों से पैसा नहीं मिला, घर चलाना मुश्किल हो गया है।धरना का राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है।

भाकपा-माले नेता संजय शर्मा ने सफाई कर्मियों की मांगों को न्यायसंगत बताते हुए नगर परिषद प्रशासन पर मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया। वहीं नगर परिषद के उपचेयरमैन प्रतिनिधि सुनील मिश्रा ने तो सीधे कहा कि बक्सर नगर परिषद में सफाई के नाम पर भारी लूट चल रही है। चेयरमैन, अधिकारी और कुछ एनजीओ बजट में गड़बड़ी कर रहे हैं। मजदूरों की चार-पांच महीने की मजदूरी तक बकाया है।

-- शहर में दिखने लगा असर, प्रशासन अब भी मौन
धरना-प्रदर्शन का असर शहर की सड़कों पर साफ दिखाई देने लगा है। मुख्य मार्गों से लेकर आवासीय इलाकों तक कचरा ढेर में बदल रहा है। सुबहदृशाम निकलना मुश्किल हो गया है। नगर परिषद की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थिति यही रही, तो अगले 24 से 48 घंटों में शहर की स्वास्थ्य स्थिति और बिगड़ सकती है।
