शहीद पार्क में गंदगी और बंद ताले से शहीदों का अपमान
डुमरांव में सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद हुए चार वीर सपूतों की शहादत को याद करने के लिए बनाये गए शहीद पार्क और शहीद स्तंभ की दशा आज अत्यंत शर्मनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों का सामना कर देश को आज़ादी दिलाने वाले इन वीरों की स्मृति में स्थापित इस स्थल पर दुकानदारों और स्थानीय लोगों द्वारा खुलेआम गंदगी फैलायी जा रही है। हालात यह हैं कि शहीदों की प्रतिमाओं के पास कूड़ा फेंका जा रहा है और स्तंभ के आसपास बदबू का माहौल बना हुआ है।
केटी न्यूज, डुमरांव।
डुमरांव में सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद हुए चार वीर सपूतों की शहादत को याद करने के लिए बनाये गए शहीद पार्क और शहीद स्तंभ की दशा आज अत्यंत शर्मनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों का सामना कर देश को आज़ादी दिलाने वाले इन वीरों की स्मृति में स्थापित इस स्थल पर दुकानदारों और स्थानीय लोगों द्वारा खुलेआम गंदगी फैलायी जा रही है। हालात यह हैं कि शहीदों की प्रतिमाओं के पास कूड़ा फेंका जा रहा है और स्तंभ के आसपास बदबू का माहौल बना हुआ है।

सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस पार्क में कभी बच्चे और बुजुर्ग सुकून से घूमने जाया करते थे, वहां महीनों से ताला लटका है। बंद पड़ा पार्क अब केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद की बेरुखी और लापरवाही के कारण शहीदों की स्मृति स्थल निरंतर बदहाल होता जा रहा है।इस गंभीर मामले को लेकर भाजपा युवा मोर्चा की महिला विंग की प्रदेश संपर्क पदाधिकारी वंदना भगत ने नगर परिषद के ईओ से शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने कहा कि शहीदों के सम्मान से समझौता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिकायत मिलने पर ईओ ने आश्वासन दिया कि शहीद पार्क और शहीद स्तंभ की सफाई जल्द कराई जाएगी।अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन के इस आश्वासन पर कब तक अमल होता है और क्या शहीदों के सम्मान को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, या फिर यह पवित्र स्थल लापरवाही के अंधेरे में यूं ही खोता रहेगा।
