अतिक्रमण हटाओ अभियान बना विवाद का मैदान, नगर परिषद टीम पर पक्षपात और बर्बरता के आरोप

डुमरांव में सोमवार को नगर परिषद की अतिक्रमण हटाओ मुहिम विवादों में घिर गई है। छठिया पोखरा के रहने वाले उमेश कुमार गुप्ता ने यह दावा किया है कि कार्रवाई का निशाना चुनिंदा रूप से सिर्फ उसे बनाया गया, जबकि ठीक बगल में नगर परिषद के ही प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह के घर का समान प्रकार का चबूतरा छोड़ दिया गया। इसी आरोप ने पूरे अभियान की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अतिक्रमण हटाओ अभियान बना विवाद का मैदान, नगर परिषद टीम पर पक्षपात और बर्बरता के आरोप

-- पीड़ित बोला मेरा चबूतरा तोड़ा, प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह का छोड़ दिया, विरोध करने पर की पिटाई

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव में सोमवार को नगर परिषद की अतिक्रमण हटाओ मुहिम विवादों में घिर गई है। छठिया पोखरा के रहने वाले उमेश कुमार गुप्ता ने यह दावा किया है कि कार्रवाई का निशाना चुनिंदा रूप से सिर्फ उसे बनाया गया, जबकि ठीक बगल में नगर परिषद के ही प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह के घर का समान प्रकार का चबूतरा छोड़ दिया गया। इसी आरोप ने पूरे अभियान की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उमेश गुप्ता के मुताबिक, नगर परिषद की टीम उसके घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर बने चबूतरे को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ने पहुंची। जब उसने यह पूछा कि नगर परिषद के प्रधान सहायक के घर के सामने बना चबूतरा क्यों नहीं हटाया जा रहा है, तो टीम के सदस्य भड़क उठे। उसके विरोध करने पर स्थिति अचानक तनावपूर्ण हो गई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया।

पीड़ित का आरोप है कि परिषद कर्मियों, राजा खान, अनवर, श्रीकांत ओझा, संजय कुमार सिंह और पंकज राय ने मिलकर उसे घेर लिया। आरोप है कि पंकज राय ने उसे पीछे से पकड़ लिया, जिसके बाद संजय कुमार सिंह ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग इकट्ठा तो हुए, लेकिन तब तक स्थिति बिगड़ चुकी थी।

उमेश गुप्ता ने यह भी कहा कि नगर परिषद की कार्रवाई मनमानी और चुनिंदा लोगों पर आधारित थी। उनके अनुसार, उनके घर का मुख्य प्रवेश टूट जाने से परिवार के आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताया और कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निष्पक्षता से नहीं की गई।

मामले पर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत प्राप्त हो गई है और पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है और तथ्य सामने आने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय होगी।नगर परिषद के अभियान पर लगे पक्षपात के आरोप के बाद स्थानीय लोगों में भी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अगर हो, तो एक समान मानकों के साथ हो, ना कि किसी खास को निशाना बनाकर।

इस मामले में जब ईओ राहुलधर दूबे से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाईल स्वीच ऑफ होने से संपर्क नहीं हो सका।वहीं, डुमरांव थानाध्यक्ष संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि आवेदन मिला है। मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

इधर उमेश गुप्ता के साथ मारपीट, बदसलूकी व अतिक्रमण हटाने पर भेदभाव को लेकर डुमरांव की शियासत गरमा गई है। जदयू नगर अध्यक्ष गोपाल प्रसाद गुप्ता ने कहा कि मंगलवार को उनकी पूरी टीम नगर परिषद कार्यालय पहंुच इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कर ठोस कार्रवाई की मांग करेगी।