वरिष्ठ पत्रकार शिवजी पाठक का निधन, श्रद्धांजलि सभा में व्यक्तित्व व कृतित्व पर हुई चर्चा

वरिष्ठ पत्रकार शिवजी पाठक का निधन, श्रद्धांजलि सभा में व्यक्तित्व व कृतित्व पर हुई चर्चा

- जिले के पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह थे स्व. पाठक

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केटी न्यूज/ डुमरांव

बक्सर जिले के साहित्य के शिव और पत्रकारिता जगत में गुरु नाम से विख्यात डुमरांव के चर्चित पत्रकार शिवजी पाठक का निधन निधन हो गया है। सोमवार की रात डुमरांव स्थित पैतृक आवास पर उन्होंने अंतिम सांसे ली। मंगलवार को उनके इकलौते पुत्र अंबरीश पाठक ने मुक्तिधाम बक्सर के चरित्रवान घाट पर मुखाग्नि दी। उनके अंतिम यात्रा में सैकड़ो की संख्या में पत्रकार साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके निधन के साथ है जिले के पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया है। उनकी पहचान बक्सर जिले में पत्रकारिता के क्षेत्र में भीष्म पितामह के रूप में थी। बता दें कि वे सन 1976 में दैनिक आज वाराणसी से जुड़ पत्रकारिता की शुरुआत किए थे। तब बिना किसी संसाधन के आसपास के खबरों का संकलन का भागीरथी प्रयास कर उन्होंने इस जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी।

वे जिले के साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को मार्गदर्शन देते रहे। वर्ष 1993 में उन्होंने डुमरांव से ही बाबा टाइम्स का संपादन कर पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति ला दिया था। इसके पहले वर्ष 1982 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने जब पत्रकारों के खिलाफ एक काला कानून लाया था तब पूरे बिहार के पत्रकार और साहित्यकार आंदोलन की आग में कूद पड़े थे जिसमें शिवजी पाठक के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन हुआ था। वे एक कुशल पत्रकार के साथ-साथ सामाजिक सरोकार वाले गतिविधियों में भी भाग लेते रहे हैं। डुमरांव अनुमंडल बनाओ संघर्ष मोर्चा की अगुवाई कर उन्होंने डुमरांव को एक अनुमंडल के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा साहित्यक और धार्मिक गतिविधियों में भी उनकी गहरी रुचि थी। उनके नेतृत्व में ही डुमरांव में होली के अवसर पर महामुर्ख सम्मेलन का आयोजन होता था, जिसमें न सिर्फ बक्सर जिला बल्कि पड़ोसी रोहतास, भोजपुर आदि जिलों के हिंदी और भोजपुरी के साहित्यकारों तथा कवियों का जमघट लगता था। इसके अलावा सन 1942 के अमर शहीदों के सम्मान में आयोजित होने वाला शहीद दिवस कार्यक्रम भी इन्हीं के देखरेख में संपन्न होता था। जबकि अंजन ब्रह्म बाबा का पूजा तथा भारत मिलन मेला का आयोजन भी यह हर साल नियमित रूप से करवाते थे। बुधवार को डुमरांव के एक निजी सभागार में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता शंभू शरण नवीन व संचालन स्व. पाठक के साथ पत्रकारिता व सामाजिक गतिविधियों में कदमताल करने वाले प्रदीप जायसवाल ने किया। इस दौरान वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा उनके निधन को न सिर्फ पत्रकारिता जगत बल्कि डुमरांव के सामाजिक व राजनैतिक गलियारों के लिए अपूरणीय क्षति बताया। मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जयमंगल पांडेय, साहित्यकार ब्रह्मा पांडेय, मदन मोहन ओझा, प्रदीप शरण, शत्रुघ्न प्रसाद और मोहन गुप्ता, रंजीत कुमार पांडेय, अशोक कुमार, अमर केशरी, संजय कुमार, रमेश केशरी, अनिल ओझा, रविशंकर श्रीवास्तव, डा मनीष कुमार शशि, राजद नेता सुनील कुमार उर्फ पप्पू यादव समेत सैकड़ो अन्य उपस्थित थे।