युवा वर्ग में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति समाज व राष्ट्र के लिए है बड़ी चिंता का विषय - न्यायाधीश
जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस ( नशा मुक्ति दिवस ) पर गुरूवार को एक शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनीष कुमार शुक्ला ने उपस्थित सभी लोगों को नशा से परहेज करने की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित किया गया।

- अंतर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने आयोजित किया था शपथ कार्यक्रम, उपस्थित लोगों को दिलवाई गई नशा से परहेज की शपथ
केटी न्यूज/बक्सर
जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस ( नशा मुक्ति दिवस ) पर गुरूवार को एक शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनीष कुमार शुक्ला ने उपस्थित सभी लोगों को नशा से परहेज करने की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित किया गया।
अपने संबोधन में न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेहा दयाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया नशे के चंगुल में फंसी हुई है। दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां के लोगों को नशे कि लत नहीं लगी हो। भारत में तो स्थिति और भी बदतर हो रही है।यहां की बहुत बड़ी आबादी नशे की गिरफ्त में आ चुकी है। विशेषकर युवा वर्ग में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति समाज व राष्ट्र के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। नशे की लत के कारण बहुत से नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो चुका है। युवा पीढ़ी के लोग अब चरस, हेरोइन, कोकीन, अफीम जैसा खतरनाक नशा करने लगे है, जो देश के लिए खतरनाक संकेत है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने एक प्रस्ताव में सात दिसम्बर 1987 से इसे मनाने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैं। न्यायाधीश ने कहा कि समाज व सरकार नशे को जड़ से समाप्त करने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही नहीं करेगी तब तक नशे का व्यापार फैलता ही रहेगा।
उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ हमारा समाज भी जागरुक नहीं है। इसी जागरूकता के लिए हम सभी आज यहां इकट्ठा हुए है। कहते हैं कि नशा हर अपराध की जड़ होता है। नशेड़ी व्यक्ति कोई भी बुरे से बुरा काम करने से नहीं झिझक सकता है। अधिकांश अपराध नशे की धुन में ही किए जाते हैं। बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकने के लिए हमें सरकार के भरोसे ही नहीं रहना होगा,
इसके लिए हमें स्वयं भी प्रयास करने होंगे। हमें देखना होगा कि हमारे परिवार का कोई सदस्य तो नशे की तरफ नहीं जा रहा है। यदि ऐसा है तो हमें समय रहते उस को नियंत्रित करना होगा। यदि सभी लोग ऐसा करने लगेंगे तो धीरे-धीरे नशे की प्रवृत्ति कम होती चली जाएगी और एक समय ऐसा आएगा जब हमारा समाज, हमारा क्षेत्र, हमारा प्रदेश, हमारा देश नशा मुक्त बन सकेगा।
इस अवसर पर व्यवहार न्यायालय, बक्सर परिसर में आयोजित सपथ ग्रहण कार्यक्रम में सभी न्यायिक पदाधिकारी, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय, मनोज कुमार प्रथम, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, सुधेश कुमार श्रीवास्तव, अनुपम कुमारी, संदीप कुमार सिंह, देवराज, सुनील कुमार सिंह, एवं अन्य सभी न्यायाधीश, कार्यालय कर्मचारी, सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, सुमित कुमार, सुनील कुमार, मनोज कुमार, अकबर अली वहीं न्यायिक कर्मचारी, राजीव कुमार, संजय कुमार, संतोष कुमार द्विवेदी, कृष्णा कुमार, अमरेंद्र भारती, कौसलेंद्र कुमार ओझा,
अनिल कुमार, संदीप कुमार, आशीष कुमार, राजकुमार रजक, ओमप्रकाश आदि, व्यवहार न्यायालय, बक्सर में पदस्थापित, विधिक सहायता प्रतिरक्षा परामर्श प्रणाली के चीफ विनय कुमार सिंहा, डिप्टी चीफ कुमार मानवेंद्र, संजय कुमार चौबे एवं सहायक काजल कुमारी, अभिनव वशिष्ट, आकाश कुमार श्रीवास्तव एवं विकास यादव वही पैनल अधिवक्ता दीपिका कुमारी केशरी, अखिलेश्वर दुबे, रामा नंद मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिन्हा, कंचन कुमारी, चंद्र विजय सिंह, चंद्र कला वर्मा एव अन्य विधिक सेवक सुंदरम कुमार,
प्रेम प्रकाश पाठक, नीतू कुमारी, राधे श्याम, रुकैया, दीपक कुमार, अंजुम कुमार रावत, पैनल अधिवक्ता राजेश कुमार, रिंकी कुमारी, आरती कुमारी, अखिलेश्वर कुमार दुबे, विधिक स्वयंसेवक कवींद्र पाठक, गजेंद्र नाथ दुबे, सरोज कुमार चौबे, अशोक कुमार, अंजुम कुमार रावत, रुकैया आदि भी मौजूद रहें।