सेना के जवान के अंतिम दर्शन को उमड़ा पूरा शहर, जम्मू काश्मीर में थी पोस्टिंग
बक्सर का एक और लाल कर्तव्यपथ की बलि वेदी पर चढ़ गया है। बक्सर के नया बाजार निवासी विनोद कुमार केसरी भारतीय सेना का जवान था तथा जम्मू काश्मीर में उसकी पोस्टिंग थी। कुछ दिन पूर्व ही ड्यूटि के दौरान ठंड लगने से उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसका इलाज दिल्ली में करवाया जा रहा था।
- बक्सर के नया बाजार निवासी सेना के जवान विनोद केसरी की ड्यूटि के दौरान तबीयत बिगड़ने से हुई मौत, दो अन्य भाई भी है सेना में कार्यरत
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर का एक और लाल कर्तव्यपथ की बलि वेदी पर चढ़ गया है। बक्सर के नया बाजार निवासी विनोद कुमार केसरी भारतीय सेना का जवान था तथा जम्मू काश्मीर में उसकी पोस्टिंग थी। कुछ दिन पूर्व ही ड्यूटि के दौरान ठंड लगने से उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसका इलाज दिल्ली में करवाया जा रहा था। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। सोमवार को सेना के साथी जवानों ने विशेष वाहन से उसका शव पैतृक शहर बक्सर लाया, जहां अंतिम दर्शन के लिए मानो पूरा शहर उमड़ पड़ा था। वही उसके अंतिम यात्रा में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान लोग विनोद केसरी अमर रहे का नारा लगा रहे थे।मिली जानकारी के अनुसार विनोद चार भाईयों में दूसरे नंबर पर था तथा वर्ष 2000 में उसका चयन भारतीय थल सेना में हुआ था। पिछले छह महीने से उसकी पोस्टिंग जम्मू काश्मीर में थी, जहां ड्यूटि के दौरान ही कुछ दिन पहले उसे ठंड लग गई। तबीयत खराब होने पर पहले उसे स्थानीय आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर बाद में स्थिति खराब होने पर उसे दिल्ली ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान वह जिंदगी की जंग हार गया।
विनोद के अलावे उसके दो अन्य भाई ललित केसरी व रंजन केसरी भी सेना के जवान है, जबकि एक भाई प्रमोद केसरी बक्सर में रहता है तथा वह भारतीय जीवन बीमा निगम का अभिकर्ता हैं। विनोद अपने पीछे पत्नी व दो पुत्रों समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। बड़ा पुत्र मयंक केसरी 12 वर्ष का है, जबकि छोटा पुत्र सूर्यांश 10 वर्ष का है।
सोमवार को ही उनका अंतिम संस्कार चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम में किया गया। बडे़ पुत्र मयंक ने मुखाग्नि दी, इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान जवानों द्वारा उनके सम्मान में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके पूर्व शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उनके भाई प्रमोद ने बताया कि पिता की मौत के बाद चारों भाईयों ने काफी संघर्ष किया था। परिवार के संचालन में विनोद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उसके असमय चले जाने से परिवार पर विपतियों का पहाड़ टूट पड़ा है। वही, शहरवासियों को अपने लाल पर गर्व महसूस हो रहा है। लोगों ने कहा कि देश सेवा का सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है, उसमें भी देश सेवा के दौरान शहादत किसी-किसी को मिलती है। लोगों ने कहा कि देश सेवा के कर्तव्य पथ की बलि वेदी पर प्राण न्योछावर कर वह सदा-सदा के लिए अमर हो गया है।