सिमरी प्रखंड कार्यालयों में तालेबंदी से जनता बेहाल, अधिकारी गायब
सिमरी प्रखंड में सरकारी कार्यालयों की बदहाल स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है। अधिकारियों की लापरवाही कहें या स्वच्छता कर्मियों की मनमानी, लेकिन हकीकत यह है कि प्रखंड आपूर्ति कार्यालय, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कार्यालय तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कार्यालय कई महीनों से तालेबंदी और अव्यवस्था के कारण आम जनता के लिए डर और परेशानी का केंद्र बना हुआ है।
केटी न्यूज/सिमरी
सिमरी प्रखंड में सरकारी कार्यालयों की बदहाल स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है। अधिकारियों की लापरवाही कहें या स्वच्छता कर्मियों की मनमानी, लेकिन हकीकत यह है कि प्रखंड आपूर्ति कार्यालय, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कार्यालय तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कार्यालय कई महीनों से तालेबंदी और अव्यवस्था के कारण आम जनता के लिए डर और परेशानी का केंद्र बना हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दूर-दूर के पंचायतों से लोग अपने कार्यों को लेकर यहां पहुंचते हैं, परंतु कार्यालय के दरवाजे पर ताला और परिसर में पसरी घोर अव्यवस्था देखकर उन्हें लौटना पड़ता है। क्षेत्र के ग्रामीण सिद्धि राम, रामदुलार राम, जयराम और शिवजी यादव बताते हैं कि “साहब कब आते हैं और कब जाते हैं इसका कोई अता-पता ही नहीं है। कई बार घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई अधिकारी नजर नहीं आते।”
कार्यालय परिसर की स्थिति इतनी खराब है कि वह अब जंगलनुमा झाड़ियों में बदल चुका है। लोगों का कहना है कि लंबे समय से साफ-सफाई नहीं होने के कारण परिसर सांप-बिच्छुओं का अड्डा बन गया है, जिससे कार्यालय में प्रवेश करना भी जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार यह हालात न केवल असुविधा पैदा कर रहे हैं, बल्कि विकास कार्यों की प्रगति को भी ठप कर रहे हैं।
जब इस मामले में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी ए.के. आज़ाद से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा, जिससे स्थिति और भी सवालों के घेरे में आ गई। वहीं विकास मित्र राजू कुमार ने बताया कि कार्यालय के सामने एक बड़ा पेड़ गिरा हुआ है, जिसकी सूचना अंचलाधिकारी को दी गई है।लेकिन, जब अंचलाधिकारी भगवती शंकर पांडे से बात की गई, तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई सूचना हमें प्राप्त नहीं हुई। दोनों अधिकारियों के बयान विपरीत होने से मामला और उलझता नजर आ रहा है।
जनता का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो विकास कार्यों में बड़ी बाधा उत्पन्न होगी। ग्रामीणों ने संबंधित विभागों से तत्काल सफाई अभियान चलाकर कार्यालयों को सुचारू रूप से खोलने की मांग की है।यह स्थिति सरकारी तंत्र की उदासीनता पर बड़े प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।
