चौसा स्टेशन पर छह सूत्री मांग को लेकर यात्री संघर्ष मोर्चा का अनशन व प्रदर्शन

ऐतिहासिक, धार्मिक और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चौसा क्षेत्र की लगातार हो रही अनदेखी के विरोध में मंगलवार को चौसा रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे यात्री संघर्ष समिति द्वारा अनशन एवं प्रदर्शन किया गया। आंदोलन का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने किया, जबकि संचालन अधिवक्ता रामलखन पाल ने किया। आंदोलन को देखते हुए रेल पुलिस बल एवं प्रशासनिक अधिकारी पूरे समय मौके पर तैनात रहे।

चौसा स्टेशन पर छह सूत्री मांग को लेकर यात्री संघर्ष मोर्चा का अनशन व प्रदर्शन

केटी न्यूज/चौसा

ऐतिहासिक, धार्मिक और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चौसा क्षेत्र की लगातार हो रही अनदेखी के विरोध में मंगलवार को चौसा रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे यात्री संघर्ष समिति द्वारा अनशन एवं प्रदर्शन किया गया। आंदोलन का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने किया, जबकि संचालन अधिवक्ता रामलखन पाल ने किया। आंदोलन को देखते हुए रेल पुलिस बल एवं प्रशासनिक अधिकारी पूरे समय मौके पर तैनात रहे।अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों ने कहा कि चौसा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को रेलवे सुविधाओं से वंचित रखना यहां के लोगों के साथ अन्याय है।

वक्ताओं ने बताया कि महर्षि च्यवन की तपोभूमि, शेरशाह सूरी की ऐतिहासिक विजयस्थली और उत्तरायणी मां गंगा के पावन तट पर बसे चौसा में आज भी यात्रियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है।समिति की ओर से श्रमजीवी एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस एवं हावड़ा-अमृतसर मेल के ठहराव की मांग प्रमुखता से उठाई गई। साथ ही 53202/53201 बक्सर-पटना फास्ट पैसेंजर ट्रेन को चौसा स्टेशन तक विस्तारित करने और स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं बहाल करने की मांग दोहराई गई।

वक्ताओं ने कहा कि चौसा थर्मल पावर प्लांट जैसी 1320 मेगावाट की राष्ट्रीय परियोजना यहां संचालित है, जिससे प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रमिकों और अधिकारियों का आनादृजाना होता है, लेकिन रेलवे की उदासीनता के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।डॉ. मनोज कुमार यादव ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और गैर-राजनीतिक है। समिति का उद्देश्य किसी राजनीतिक लाभ के बजाय यात्रियों के हक और क्षेत्र के विकास को लेकर रेलवे प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराना है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।अनशन-प्रदर्शन में प्रो. रमेश चंद्र श्रीवास्तव, राम ईश्वर चौहान, मीर हमजा खान, मुखिया ममता देवी, अधिवक्ता रामचंद्र मालाकार, इंजीनियर नीलेश तिवारी, डॉ. सुनील सिंह, रामनिवास सिंह, रामाशीष कुशवाहा, डॉ. सुषमा कुमारी, विजय राम सहित बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण व यात्री शामिल रहे।