नो एग्रीमेंट, नो वोट का नारा दे रही डुमरांव की जनता - रवि उज्ज्वल

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि आगामी 17 अगस्त से डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के सभी 35 वार्डों में जनता एग्रीमेंट पद यात्रा निकाली जाएगी, जिसका उद्देश्य जनता से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं जानना और समाधान का ठोस वादा करना है।

नो एग्रीमेंट, नो वोट का नारा दे रही डुमरांव की जनता - रवि उज्ज्वल

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव की राजनीति में बदलाव की नई बयार बहाने की तैयारी कर रहे जदयू नेता रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने एक अनोखी पहल की घोषणा की है। 

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि आगामी 17 अगस्त से डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के सभी 35 वार्डों में जनता एग्रीमेंट पद यात्रा निकाली जाएगी, जिसका उद्देश्य जनता से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं जानना और समाधान का ठोस वादा करना है।

यात्रा की शुरुआत पुराना भोजपुर से की जाएगी, और इसके तहत नया भोजपुर, शक्ती द्वारा, डुमरांव बाजार जैसे प्रमुख स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान में जदयू के अन्य नेता, समाजसेवी, महिलाएं तथा विभिन्न वर्गों के सामाजिक लोग शामिल होंगे। रवि उज्ज्वल ने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से वे न केवल लोगों की समस्याएं सुनेंगे, बल्कि उन्हें लेकर कानूनी रूप से प्रतिबद्ध भी होंगे।

सबसे अनोखी बात यह है कि रवि उज्ज्वल ने घोषणा की है कि जो भी समस्याएं विधायक के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, उनके समाधान के लिए वह जनता के साथ स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट करेंगे। इस समझौते में स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि यदि जनता उन्हें विधायक के रूप में चुनती है, तो वे चार साल छह महीने के भीतर उन समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे। यदि वे इसमें विफल रहते हैं तो जनता उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी ऐलान किया कि विफलता की स्थिति में वे जीवन में फिर कभी कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे,  चाहे वह विधानसभा या संसद का चुनाव हो।

रवि उज्ज्वल ने जनता से आह्वान किया है कि इस बार वोट विकास और समस्याओं के समाधान के मुद्दों पर दिया जाए, जिससे डुमरांव जिले का नाम पूरे देश में राजनीतिक बदलाव की मिसाल बन सके। उन्होंने कहा, “अगर जनता एक स्वर में श्नो एग्रीमेंट, नो वोटश् का नारा दे दे, तो कोई भी जनप्रतिनिधि जनता की उपेक्षा करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। उन्हें मजबूरन स्टांप पेपर पर वादा करना होगा।”

रवि उज्ज्वल की यह पहल डुमरांव की राजनीति को एक नई दिशा और जवाबदेही की ओर ले जाती दिख रही है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल भी बन सकती है।