डॉ. बिरेन्द्र राम की दस्तक से गुलज़ार हुआ अनुमंडलीय अस्पताल

डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में शुक्रवार को कुछ अलग ही माहौल देखने को मिला। आमतौर पर जिस अस्पताल में शुक्रवार अपेक्षाकृत शांत रहता है, वहां सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें लग गईं। पर्ची काउंटर से लेकर ओपीडी तक लोगों की भीड़ देखकर हर कोई हैरान था। अस्पताल परिसर में चहल-पहल इतनी थी कि शनिवार जैसा नज़ारा प्रतीत हो रहा था।

डॉ. बिरेन्द्र राम की दस्तक से गुलज़ार हुआ अनुमंडलीय अस्पताल

-- विशेष ड्यूटी की खबर मिलते ही उमड़े हड्डी रोग के मरीज, शुक्रवार को दिखा शनिवार जैसा नज़ारा

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में शुक्रवार को कुछ अलग ही माहौल देखने को मिला। आमतौर पर जिस अस्पताल में शुक्रवार अपेक्षाकृत शांत रहता है, वहां सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें लग गईं। पर्ची काउंटर से लेकर ओपीडी तक लोगों की भीड़ देखकर हर कोई हैरान था। अस्पताल परिसर में चहल-पहल इतनी थी कि शनिवार जैसा नज़ारा प्रतीत हो रहा था।इस बदले हुए माहौल की वजह थे प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. बिरेन्द्र राम, जिनकी शुक्रवार को विशेष ड्यूटी लगी थी। जैसे ही उनकी उपस्थिति की जानकारी मरीजों तक पहुंची, वैसे ही दूर-दराज के इलाकों से भी लोग अस्पताल पहुंचने लगे।

खासकर हड्डी, जोड़, कमर और घुटने के दर्द से परेशान मरीज बड़ी उम्मीद के साथ डॉ. राम से मिलने पहुंचे।मरीजों का कहना है कि डॉ. बिरेन्द्र राम न सिर्फ एक कुशल हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, बल्कि उनका इलाज करने का तरीका भी बेहद मानवीय और प्रभावी है। वे दवा के साथ-साथ मरीजों को खान-पान, दिनचर्या और नियमित व्यायाम पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। यही वजह है कि उनके इलाज का असर जल्दी दिखाई देता है और मरीज संतुष्ट होकर लौटते हैं।ओपीडी में मौजूद कई मरीजों ने बताया कि डॉक्टर साहब हर मरीज की समस्या को धैर्यपूर्वक सुनते हैं और सरल भाषा में बीमारी व इलाज की जानकारी देते हैं।

उनका व्यवहार इतना सहज और आत्मीय होता है कि मरीज आधी बीमारी तो वहीं भूल जाते हैं। यही कारण है कि उनकी मरीजों की फेहरिस्त लगातार बढ़ती जा रही है।शुक्रवार को अस्पताल में उमड़ी भीड़ ने यह साफ कर दिया कि अच्छे इलाज के साथ-साथ डॉक्टर का व्यवहार भी मरीजों का विश्वास जीतने में बड़ी भूमिका निभाता है। डॉ. बिरेन्द्र राम की विशेष ड्यूटी ने न केवल अस्पताल को गुलज़ार कर दिया, बल्कि एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सेवा भाव और विशेषज्ञता का मेल ही किसी चिकित्सक को खास बनाता है।