केटी न्यूज़, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है। इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चांद पर इतिहास रच दिया है।कोई भी देश आजतक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास नहीं गया था। भारत का चंद्रयान ऐसा करने वाला पहला देश बन गया। बधाई देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ़्रीका से लाइव वीडियो के माध्यम से कहा कि आज देश का सर हमारे वैज्ञानिकों ने गर्व से और ऊँचा कर दिया है। अब चंदा मामा दूर के नहीं बस टूर के रह गए हैं ।
काफ़ी ठंडा है चन्द्रमा का दक्षिणी ध्रुव
अब तक अमेरिका, चीन और रूस ने ही चांद पर सफल लैंडिंग की थी। हालांकि, इनमें से किसी देश ने अब तक दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है। यह इलाका बेहद ठंडा है और रात के समय यहां तापमान बहुत ज्यादा गिर जाता है। लैंडर विक्रम के अंदर ही प्रज्ञान रोवर को रखा गया है, जो लैंडर के चंद्रमा के सतह पर लैंड होने के करीब 15 से 30 मिनट के बाद उसके अंदर से निकलेगा और चंद्रमा की सतह पर कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।
रोवर को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना है
चंद्रयान-3 के रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया है। रोवर को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि रोवर को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके चांद की सतह पर कई चीजों की जानकारी इकट्ठा करनी है। प्रज्ञान के सॉफ्टवेयर को बनाने वाले ओमिनीप्रेजेंट रोबोट टेक के सीईओ आकाश सिन्हा हैं । पहली बार चंद्रमा के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की विदेशी मीडिया ने भी सराहना की। समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि यह भारत के अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने का प्रतीक है।
भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया।
सतह को छूने की उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बना भारत
भारत चंद्रमा की सतह को छूने की उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश भी बन गया।चंद्रमा मिशन की सफलता ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं, शीर्ष समाचार साइटों ने इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की। न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन, द वाशिंगटन पोस्ट, फ्रांस 24 और बीबीसी उन समाचार साइटों में से थे, जिन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान -3 की ऐतिहासिक लैंडिंग की सराहना की।