रिश्तेदार बता घर में शरण ले ठग महिला घर से ले उड़ी लाखों रुपए के जेवर व नगद
- जिस घर में मिला ठहरने की शरण, उसी घर में किया हाथ साफ
- शादी की नियत से बेटी के अपहरण का हवाला देकर महिला चोर ने पीड़ित गृहस्वामी के घर लिया था शरण
- खाना में नशा की गोली खिलाकर गृहस्वामिनी को की थी बेहोश
केटी न्यूज/नावानगर/केसठ
बासुदेवा ओपी क्षेत्र के शिवपुर गांव में गुरुवार की रात ठगी की घटना अजीबो गरीब ढंग से होने का मामला प्रकाश में आया है। जहां एक ठग महिला ने रिश्तेदार बनकर जिस घर में ठहरी, उसी घर से लाखों रुपए की नगद एवं जेवर चोरी कर चंपत हो गई। यह घटना गांव के रेखा देवी पति गौरीशंकर सिंह के घर की है। पीड़िता के अनुसार ठग महिला अपने को गृहस्वामिनी की मायके से अपना रिश्ता बताकर शरण ली थी।
रात्रि में खाना खाने के दौरान पीड़ित महिला के खाने में ठग महिला ने काफी चालाकी से नशे की गोली मिलाकर पीड़िता को बेहोश करने के बाद चोरी का अंजाम दी है। पीड़ित महिला के अनुसार गुरुवार की शाम एक महिला उसके घर पहुंची और बताई कि वह उसके मायके नवादा से आई है, उसने अपने बेटी की तलाश की बात कह महिला को झांसे में ले उसके घर में शरण ले लिया। ठग महिला अपने आप को नवादा की बृज यादव की पोती बताने के साथ कहा कि मेरी बेटी को गोविंदपुर के एक लड़का ने शादी की नियत से अपहरण कर लिया है।
जिसकी खोजबीन करते हुए मैं यहां तक पहुंची हूं। ठग महिला ने रेखा देवी को पूर्णतः अपने विश्वास में ले लिया। शाम को खाना बनाने के दौरान ठग महिला ने हाथ बंटाया। इसी दौरान पीड़ित महिला के खाना में ठग महिला ने नशा की गोली मिला दिया। जिसे खाने के बाद पीड़िता बेहोश हो गई। उसके बाद ठग महिला ने अलमीरा एवं बक्सा का ताला तोड़कर लगभग डेढ़ लाख रुपया नगद, जेवर समेत महंगे कपड़ा, मोबाइल ले गायब भाग निकली।
सुबह में पीड़िता के घर दुध देने के लिए गांव के ही एक महिला पहुंची तो देखी की रेखा देवी अचेत अवस्था में पड़ी हुई है। कमरे में सामान बिखरा हुआ है। जिसके बाद पड़ोसी महिला ने आस पास के लोगों को इसकी जानकारी दी। पीड़िता को अचेत अवस्था में देख ग्रामीणों ने निजी अस्पताल में ले गए। जहां ईलाज कराया गया।
घटना की सूचना ग्रामीणों ने वासुदेवा ओपी को दी। सूचना मिलने पर वासुदेवा ओपी की पुलिस पीड़ित महिला के घर पहुंच जांच की। इस संबंध में वासुदेवा ओपीध्यक्ष चुनमुन कुमारी ने बताया की मामला संज्ञान में है। महिला द्वारा कोई लिखित आवेदन नहीं दी गई है। आवेदन मिलने के बाद अनुसंधान शुरू की जाएगी।