पंचायत चुनाव से ही दोनों परिवारों के बीच चल रहा था दुश्मनी, बालू के विवाद ने लगाया पलीता

जिस बालू व गिट्टी के विवाद में अहियापुर में तीन लोगों की हत्या की गई है वह विवाद की असली जड़ नहीं बल्कि तत्कालिक कारण माना जा रहा है। बल्कि दोनों परिवारों के बीच पिछले पंचायत चुनाव से ही अदावत का बीजारोपण हो गया था।

पंचायत चुनाव से ही दोनों परिवारों के बीच चल रहा था दुश्मनी, बालू के विवाद ने लगाया पलीता

केटी न्यूज/राजपुर

जिस बालू व गिट्टी के विवाद में अहियापुर में तीन लोगों की हत्या की गई है वह विवाद की असली जड़ नहीं बल्कि तत्कालिक कारण माना जा रहा है। बल्कि दोनों परिवारों के बीच पिछले पंचायत चुनाव से ही अदावत का बीजारोपण हो गया था। 

ग्रामीणों की मानें तो मनोज यादव व चंद्रदेव यादव के परिवार के बीच दुश्मनी की शुरूआत पिछले पंचायत चुनाव से ही शुरू हुई थी। ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव में चंद्रदेव के परिवार ने मनोज यादव व संतोष यादव का विरोध किया था। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में मिली हार से नाराज मनोज व संतोष इस परिवार को सबक सिखाने का मौका पिछले तीन वर्षों से ढूंढ रहे थे। बालू का विवाद तो महज एक दिखावा था, असल कहानी तो पंचायत चुनाव के जड़ में थी। 

ग्रमीण सूत्रों ने बताया कि मनोज व संतोष की इलाके में काफी वर्चस्व है तथा पंचायत चुनाव में भी दोनों की तूती पिछले लंबे समय से बोलते आ रही थी। जिसका प्रमाण है कि मनोज ने एक बार अपनी पत्नी को जिप सदस्य का चुनाव जीताने के साथ ही उसे चेयरमैन तक बनवाया जबकि अपने भाई को उपाध्यक्ष की कुर्सी तक ले गया। यही नहीं बल्कि रसेन व अकबरपुर पंचायतों में मुखिया के पद भी अपने परिजनों को बिठाया।

ग्रामीण कहते है अकबरपुर पंचायत में मनोज व संतोष ने अपने रसूख के बल पर अपनी मां को मुखिया बनवाया था, जबकि रसेन पंचायत में अपने चहेते को मुखिया बना इलाके में अपनी धौंस जमाई थी। मनोज पर पूर्व में दर्जनो केस दर्ज है। पिछले साल ही राजपुर थाने में उस पर एक एफआईआर दर्ज हुआ था, जिसमें वह चार्जशीटेड है।

जानकारों का कहना है कि राजनीतिक रसूख के अलावे दोनों अपराधिक प्रवृति के थे। यही कारण है कि पंचायत चुनाव में चंद्रदेव सिंह द्वारा विरोध करने के बाद दोनों उस परिवार से खार खाए थे तथा उन्हें सबक सिखाने की फिराक में लगे थे।

इसी दौरान यह परिवार नहर के किनारे गिट्टी बालू की दुकान चलाने लगा। सूत्रों का कहना है कि चुनावी रंजिश को ही दुकानदारी का बहाना बना मनोज यादव अपने गुर्गो से शुक्रवार को उस जगह पर बालू गिरवाने लगा जहां ये लोग गिट्टी रखे थे। बावजूद पीड़ित परिवार ने संयम से काम लिया, लेकिन पंचायत चुनाव में विरोध का बदला लेने का मनोज व संतोष पर भूत सवार था तथा शनिवार की सुबह में दोनों अपने हथियारबंद लोगों के साथ पहुंच खूनी खेल खेल दिया।