चोर दे रहे है पुलिस को सरेयाम चुनौती: कोरानसराय में दोहरी चोरी की गुत्थी उलझी, किरायेदार व मकान मालिक दोनों परेशान

कोरानसराय थाना क्षेत्र के स्थानीय गांव स्थित एक मकान में नौ दिन पूर्व हुई रहस्यमयी चोरी की वारदात अब तक पुलिस जांच को चुनौती देती दिख रही है। किरायेदार और मकान मालिक दोनों के कीमती सामान गायब होने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है, जिससे दोनों पीड़ितों में गहरी निराशा और रोष है।

चोर दे रहे है पुलिस को सरेयाम चुनौती:  कोरानसराय में दोहरी चोरी की गुत्थी उलझी, किरायेदार व मकान मालिक दोनों परेशान

-- 25 नवंबर की रात हुई चोरी, किरायेदार और मकान मालिक दोनों के सामान गायब, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर शुरू की जांच

केटी न्यूज/डुमरांव।

कोरानसराय थाना क्षेत्र के स्थानीय गांव स्थित एक मकान में नौ दिन पूर्व हुई रहस्यमयी चोरी की वारदात अब तक पुलिस जांच को चुनौती देती दिख रही है। किरायेदार और मकान मालिक दोनों के कीमती सामान गायब होने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है, जिससे दोनों पीड़ितों में गहरी निराशा और रोष है। घटना 25 नवंबर की देर रात की बताई जा रही है। पीड़ित किरायेदार गौतम कुमार, जो आरा जिले के सहेजनी गांव का निवासी है और एक निजी कंपनी में नौकरी करता है, ने बताया कि वह कोरानसराय में सुनील कुमार गुप्ता के मकान में किराए पर रहता है।

25 तारीख को वह अपने मामा के तिलक समारोह में शामिल होने गया था। घर में ताला बंद कर निकलने के बाद जब वह 26 नवंबर की सुबह लौटा तो कमरे का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। दरवाजा टूटा हुआ था और अंदर से उसका लैपटॉप, सोने की अंगूठी, कपड़े और जूता गायब थे।घटना की जानकारी उसने तुरंत मकान मालिक को दी। मकान मालिक सुनील कुमार गुप्ता 28 नवंबर को स्वयं पहुंचे और जांच-पड़ताल की। इस दौरान उन्हें भी पता चला कि चोरी सिर्फ किरायेदार के कमरे में ही नहीं, बल्कि उनके हिस्से से भी सामान उड़ा लिया गया है। उनके दो ट्रॉली बैग, सोने की चेन, अंगूठी, पीतल के बर्तन तथा कपड़े पूरी तरह गायब थे।

इसके बाद दोनों ने मिलकर 1 दिसंबर को थाने में लिखित आवेदन दिया और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। गुरुवार सुबह थानाध्यक्ष माधुरी कुमारी ने बताया कि आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई तेज कर दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, लेकिन पुलिस गश्ती और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है। वहीं, पीड़ितों का कहना है कि नौ दिनों के बाद भी कोई सुराग न मिलना चिंता का विषय है।पुलिस अब तकनीकी जांच से लेकर आसपास के संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।