सुघर डेरा से चार मवेशी चुरा ले गए चोर, विरोध मेें पशुपालकों ने किया एनएच 120 जाम

बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल पुलिस में पिछले 15 दिनों से चोरों का तांडव जारी है। अपराधियों का मनोबल इनता हाई है कि रात तो रात दिन में भी सरेयाम चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे है। अब तक पिछले 15 दिन में अनुमंडल में एक दर्जन से अधिक चोरी की घटना हो चुकी है परन्तु पुलिस को हाथ अभी भी.................

सुघर डेरा से चार मवेशी चुरा ले गए चोर, विरोध मेें पशुपालकों ने किया एनएच 120 जाम

- पशुपालकों के साथ पूरी रात खाक छानती रही पुलिस

केटी न्यूज/डुमरांव

अनुमंडल इलाके में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। अनुमंडल पुलिस को खुलेयाम दिन हो या रात अपराधी चोरी की घटना को अंजाम देकर चुनौती दे रहे है।  बीती रात चोरों ने कोरानसराय थाना क्षेत्र के सुघर डेरा गांव से दो पशुपालकों के चार भैंस की चोरी कर ली है।

इस घटना की जानकारी मिलते ही पशुपालकों में आक्रोश गहरा गया तथा शुक्रवार के अहले तीन बजे ग्रामीणों ने करीब एक घंटा तक सुघर डेरा के पास एनएच 120 का जाम कर दिया था। बाद में पुलिस के समझाने पर जाम हटाया। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की रात अज्ञात चोरों ने सुघर डेरा में  सड़क किनारे बांधी गई गुड्डु सिंह पिता पारस यादव व जयराम यादव की दो-दो भैसों समेत कुल चार भैंसों को चुरा लिए।

ग्रामीणों की मानें तो चोर पिकअप से मवेशी चुराने आए थे। वहां पिकअप के चक्के के निशान मिले है। रात करीब एक बजे गुड्डु के पिता पारस की नींद खुली तथा वे पेशाब करने बाहर आए तो देखा कि उनकी दोनों भैंस गायब है। वे शोरगुल मचा भैंस खोजने लगे। इसी दौरान जयराम ने भी बताया कि उनकी भी दो भैंस गायब है, जिसके बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।

रात में ही इस घटना क सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने पशुपालकों  के साथ मझवारी पशु मेला के अलावे चौसा, ब्रह्मपुर, रानीसागर आदि संभावित जगहो पर जांकर तलाशी ली, लेकिन कही भी चोरी गए मवेशियों का सुराग नहीं मिला। वही इस घटना के बाद से पशुपालक अपने स्तर से भी पड़ताल कर रहे है।

कोरानसराय थानाध्यक्ष अभय सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है। वैसे इस घटना को ले पशुपालकों में आक्रोश व्याप्त है। बता दें कि डुमरांव अनुमंडल इलाकें में इन दिनों चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। पुलिस की उदासीनता से चोरों का मनोबल काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि लोगों के घरों, मंदिरों तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बाद अब चोर पालतू पशुओं को भी निशाना बनाने लगे है।