इस मंदिर को कहते है 'सीक्रेट टेम्पल',अनाज बन गए हैं यहां पत्थर
मीनाक्षी अम्मन मंदिर तमिलनाडु के मदुरई में वैगई नदी के दक्षिणी तट पर है।इस मंदिर को मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर या मीनाक्षी मंदिर भी कहते हैं।
केटी न्यूज़/दिल्ली
मीनाक्षी अम्मन मंदिर तमिलनाडु के मदुरई में वैगई नदी के दक्षिणी तट पर है।इस मंदिर को मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर या मीनाक्षी मंदिर भी कहते हैं।इस ऐतिहासिक मंदिर की काफी मान्यता है।मंदिर भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती को समर्पित है।इस मंदिर का निर्माण साल 1623 से 1655 के बीच हुआ था।अपनी वास्तुकला के लिए यह मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है।मीनाक्षी मां पार्वती और सुन्दरेश्वर भगवान शिव का रूप है।मंदिर में शिव और मां पार्वती की एक साथ पूजा होती है।
अम्मन मंदिर कन्याकुमारी के प्रमुख और प्राचीन मंदिरों में से एक है। प्रति वर्ष यहां लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यह अम्मन मंदिर मां पार्वती को समर्पित है और इसे सीक्रेट टेंपल भी कहा जाता है। आखिर इस मंदिर के ऐसे कौन से रहस्य हैं जिसके कारण इसे 'सीक्रेट टेंपल' कहा जाता है। आज हम आपको इसके बारे में सब कुछ विस्तार से बताने जा रहे हैं।
कन्याकुमारी मंदिर जिसे अम्मन मंदिर भी कहते हैं यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यह मंदिर समुद्र के बीचों बीच बना हुआ है और अनेक रहस्यों को अपने आप में समेटे हुए है। मंदिर को लेकर कह जाता है कि इसके पास से समुद्र की लहरों की अवाज किसी स्वर्ग की संगीतमय धुन से कम नहीं सुनाई देती हैं। मंदिर में स्थित अम्मन देवी के आभूषणों की आभा इतनी तेजस्वी है कि किसी समय में लोग इसे समुद्री जहाज लाइट हाउस समझ बैठते थे, जिस वजह से कई जहाज किनारे होते हुए समय क्षतिग्रस्त होते-होते बचे थे।
अम्मन मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पर देवी पार्वती का अवतार कन्या का शिव जी से विवाह तय तो हुआ था, लेकिन सही समय पर विवाह नहीं हो पाया। विवाह में प्रयोग होने वाले चावल और अन्य अनाज बिना पकाए रखे रह गए और ऐसा कहा जाता है कि वह अनाज पत्थरों में परिवर्तित हो गए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर के तट के निकट जो पत्थर हैं वह इसी अनाज का प्रारूप हैं। जिनका प्रयोग भगवान शिव और मां पार्वती के कन्या अवतार रूप से विवाह न हो पाने के कारण नहीं हो पाया था। यहा हर साल अप्रैल में मीनाक्षी थिरुकल्याणम या मीनाक्षी के दिव्य विवाह का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है।आप भी ऐसे किसी मंदिर के बारे में जानते है तो हमे कमेंट कर के जरूर बताये।