सीआरपीसी के नये कानून के बारे में जानकारी देने के लिए पुलिसकर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

सीआरपीसी के नये कानून के बारे में जानकारी देने के लिए पुलिसकर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

- अपराधिक कानूून को पूरी तरह बदलने के लिए आईपीसी की जगह बनाए गए है तीन नये कानून

- वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में ऑन लाईन चल रहा है प्रशिक्षण, प्रशिक्षण में शामिल हो रहे है 125 पुलिस पदाधिकारी

केटी न्यूज/डुमरांव

एक जुलाई से आईपीएस में तीन नये कानून लागू हो रहे है। इसको लेकर पुलिस विभाग द्वारा सभी अनुसंधानकर्ताओं तथा सुपरवाईजिंग पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। यह प्रशिक्षण वेब कास्टिंग के जरिए दिया जा रहा है। जिले के पुलिस पदाधिकारियों को तीन बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज में आयोजित हो रहा है। पहले बैच में कुल 125 पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण तीन दिन चलेगा तथा गैर आवासीय है। बता दें कि अब आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता ( बीएनएस ) के नाम से जाना जाएगा। इस प्रशिक्षण में पुलिस पदाधिकारियों को एक जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

बता दें कि जिला पुलिस इंडियन पैनल कोड (सीआरपीसी) 1973 और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 में हाल ही में हुए संशोधनों को एक जुलाई से लागू कर दिया गया है। लेकिन, पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को इन नये कानूनों के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्हें नये कानूनों के बारे में जानकारी देने के लिए ही वेब कास्टिंग के जरिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण ऑनलाईन हो रहा है तथा सीधे पुलिस मुख्यालय से प्रशिक्षक सभी को जानकारी दे रहे है।

नये कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जरूरी है प्रशिक्षण

बता दें कि पुलिस पदाधिकारियों द्वारा ही कांडो का अनुसंधान तथा उसका सुपरविजन किया जाता है। नये कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी है कि सभी पुलिस पदाधिकारी इन कानूनों की बारिकियों से अवगत हो जाए। जिस कारण उन्हें बारी बारी से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एसपी मनीष कुमार के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षण में शामिल हो रहे है। आगामी कुछ दिनों में जिला भर के पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें प्रशिक्षण में नए कानूनों के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी।

जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों के बाद कानून में हुआ संसोधन

बता दें कि दिल्ली में हुए सामूहिक दुष्कर्म की एक घटना के बाद जस्टिस वर्मा समिति का गठन किया गया था, जिसने आइपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट में संशोधन करने करने के लिए सिफारिशें दी। इसके बार केंद्र सरकार ने कुछ सिफारिशें को सम्मिलित कर लिया। इनमें आइपीसी की धारा 166, 166 ए, धारा 100 में संशोधन, 326 ए, 326 बी, 354 ए, बी, सी, डी, धारा 375, 376, 376 ए, बी, सी, डी और 376 ई आदि धाराएं नई लागू की गई है। 

इन कानूनों में होगी इतनी धाराएं 

- सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता से रिप्लेस किया गया। जिसमें अब 533 धाराएं रहेंगी। 160 धाराओं को बदल दिया गया है। साथ ही, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को निरस्त किया गया है।

- आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता से रिप्लेस किया गया है। इसमें पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी। 175 धाराओं में बदलाव किया गया है, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है।

- एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य विधेयक से रिप्लेस किया गया। इसमें पहले की 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 23 धाराओं में बदलाव किया गया है, 1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की गई हैं।

बयान

आगामी कुछ दिनों में पुलिस के कर्मचारियों और अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 में हाल ही में किए गए संशोधनों के बारे जानकारी दी जा रही है। कानून की प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। आम नागरिकों को भी इन नये कानूनों और धाराओं की जानकारी हो, इसके लिए जगह जगह बैनर व पोस्टर लगाए जाएंगें। - मनीष कुमार, एसपी, बक्सर