हिट एंड रन कानून के खिलाफ दो दिवसीय भारत बंद का बक्सर में दिखा मिला जुला असर

हिट एंड रन कानून के खिलाफ दो दिवसीय भारत बंद का बक्सर में दिखा मिला जुला असर

- एननएच 922 व एनएच 120 पर विभिन्न जगहों पर पूरे दिन खड़ी रही ट्रक, शहर में धड़ल्ले से होते रहा टेम्पो का परिचालन

केटी न्यूज/बक्सर 

हिट एंड रन कानून के खिलाफ ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर द्वारा आहूत दो दिवसीय भारत बंद का बक्सर में मिला जुला असर रहा। बक्सर व डुमरांव जैसे शहरी क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा का परिचालन धड़ल्ले से जारी रहा, जबकि एनएच 922 व एनएच 120 पर ट्रकों के परिचालन पर ब्रेक लग गया था। पूरे दिन दोनों एनएच पर ट्रकों की लंबी लाईन लगी रही। जिसस कारण परिचालन बाधित रहा। डुमरांव बिक्रमगंज पथ पर शहर के सीमा के बाहर टिचर ट्रेनिंग कॉलेज से लेकर खलवा ईनार तक ट्रक खड़े रहे। सड़क के एक हिस्से में ट्रक खड़ा होने से वाहन चालकों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा।

माले ने विरोध मार्च निकाल आयोजित किया सभा

कॉर्पोरेट लूट को ख़त्म करने, खेती-किसानी बचाने, भारत बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों द्वारा शुक्रवार को पूर्व निर्धारित हड़ताल एवं ग्रामीण भारत बंद के समर्थन में नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर भाकपा-माले, भाकपा, माकपा द्वारा मार्च निकला गया एवं सभा आयोजित की गयी। जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड जगनारायण शर्मा ने व संचालन नीरज कुमार ने किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी शासन द्वारा जनता के सभी तबकों के अधिकारों, लोकतंत्र, संविधान और देश के संघीय ढांचे पर बढ़ते फासीवादी हमले के खिलाफ वाम दल लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभा के दौरान राजदेव सिंह, जितेन्द्र राम, मनोज, हरेराम, करण, परशुराम सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।

केसठ में माले ने जुलूस निकाल किया ग्रामीण भारत बंद का समर्थन

केटी न्यूज/केसठ

संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर शुक्रवार को भाकपा माले प्रखंड इकाई केसठ द्वारा ग्रामीण भारत बंद का समर्थन करते हुए भाकपा माले प्रखंड सचिव ललन प्रसाद के नेतृत्व में नया बाजार केसठ से जुलूस निकाल पुराना बजार तक गए। इस दौरान केन्द्र विरोधी नारे भी लगाए गए। इस दौरान भाकपा माले प्रखंड सचिव ने कहा कि मोदी सरकार का ग्रांटियो का झूठ फरेब व

मजदूर किसानों के हितों पर 10 वर्षो के कुठाराघात है। बताती महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ते पुंजपातियो के मुनाफे, निजीकरण का विरोध किया जाएगा। वही दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों को सड़क में कील लगा, गढ़े खोद रोकने का प्रयास कर रही है। सविधान में अपने बात को रखने व आंदोलन करने की आजादी है। जिसके बावजूद केन्द्र सरकार आंदोलन कर रहे किसानों को

रोक सविधान को कुठारघाट पहुंचा रही है। केंद्र सरकार के गलत नीतियों से देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। देश पे कर्ज पढ़ रहा है। वही सरकार अपनी बहबाही करने में जुटी हुई है। जिसका माले हमेशा विरोध किया है और करता रहेगा। आंदोलन में माले के नेता व कार्यकर्ताओं ने बढ़चढकर भाग लिया।