हत्या में वांछित 50 हजार का इनामी उमाशंकर रमना मैदान के समीप हुआ गिरफ्तार
पुलिस को मिली सफलता बड़ी सफलता, गिरफ्तारी में लगी थी एसटीएफ सहित पांच टीम
भाजपा नेता मर्डर केस के गवाह कमल किशोर हत्या कांड में वांछित था उमाशंकर
केटी न्यूज/आरा
जिले के चर्चित भाजपा नेता विशेश्वर ओझा मर्डर केस के मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा हत्याकांड में वांटेड और 50 हजार का इनामी उमाशंकर मिश्रा आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसे शनिवार की सुबह भोजपुर पुलिस की विशेष टीम द्वारा शहर के रमना मैदान सिविल कोर्ट के समीप गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी भोजपुर पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। उमाशंकर मिश्रा शाहपुर थाने के करनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा गांव का निवासी है। वह हत्या, आर्म्स एक्ट, रंगदारी और मारपीट सहित अन्य कांडों में भी आरोपित रहा है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर बिहार की एसटीएफ सहित पांच टीम लगी हुई थी। कमल किशोर मिश्रा हत्या कांड में फरार चल रहे उमाशंकर मिश्रा के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की ओर से शुक्रवार को ही 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि सोनवर्षा गांव निवासी कमल किशोर मिश्रा हत्याकांड में आरोपित उमा शंकर मिश्रा पूर्व में जेल गया था। पिछले साल सितंबर माह में पिता के श्राद्धकर्म को लेकर वह हाई कोर्ट के आदेश पर एक माह के पैरोल पर आया था। उसके बाद से वह फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी को लेकर विशेष टीम गठित की गयी थी। मुख्यालय की ओर से ही टीम गठित की गयी थी। साथ ही एसटीएफ की भी मदद ली जा रही थी। इस बीच शनिवार की सुबह सूचना मिली कि वह अपने वकील से मिलने आरा कोर्ट जा रहा है। उस आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए टीम द्वारा सिविल कोर्ट रमना मैदान के नजदीक से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उमाशंकर मिश्रा की गिरफ्तारी भोजपुर पुलिस के लिए सिरदर्द बनी थी। ऐसे में एसपी की ओर से इनामी को गिरफ्तार करने वाली टीम को दस हजार रुपये का इनाम देकर पुरस्कृत किया गया।
बक्सर से ट्रेन से आरा आया था उमाशंकर :
उमाशंकर मिश्रा की धरपकड़ में जुटी पुलिस को उसका उसका लोकेशन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मिला था। उस आधार पर गुरुवार से ही पुलिस टीम गोरखपुर सहित आसास के इलाके में उसकी तलाश कर रही थी। तबतक उमाशंकर मिश्रा को पुलिस के आने की भनक लग गयी और वह वहां से भाग निकला। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि शुक्रवार को वह बस से बक्सर पहुंचा। उसके बाद ट्रेन से शनिवार की सुबह आरा रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां से अपने वकील से मिलने कोर्ट जा रहा था। तभी उन्हें सूचना मिल गयी और उसे दबोच लिया गया।
उमाशंकर को संरक्षण देने वालों पर होगी कार्रवाई :
करीब नौ माह तक पुलिस को छकाने वाले उमाशंकर मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद अब उसे संरक्षण देने वालों पर पुलिस की नजर टेढ़ी हो गयी है। पुलिस उसे भगाने और संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उसे लेकर उन लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। कुछ लोगों को चिन्हित कर भी लिया गया है। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि उमाशंकर मिश्रा द्वारा पूछताछ में उसे भगाने में मदद करने और संरक्षण देने वालों कुछ लोगों के बारे में जानकारी दी गयी है। सभी आपराधिक छवि के लोग हैं। उन लोगों के बारे जांच की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने बताया कि उमाशंकर मिश्रा को आर्म्स एक्ट सहित अन्य कांडों में रिमांड किया जायेगा।
कुर्की के बाद भी फरार चल रहा था उमा शंकर :
करनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा गांव में 28 सितंबर 2018 की सुबह कमल किशोर मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। कमल किशोर मिश्रा भाजपा के चर्चित नेता रहे विशेश्वर ओझा की मर्डर केस के गवाह थे। गवाही देने के विवाद में ही उनकी हत्या किये जाने का आरोप लगाया गया था। उस हत्याकांड में उमाशंकर मिश्रा सहित पांच लोगों को नामजद किया गया था। उसमें किशुन मिश्रा को छोड़ उमाशंकर मिश्रा सहित अन्य आरोपित जेल भेजे जा चुके थे। सितंबर 2022 में उमाशंकर मिश्रा अपने पिता के श्राद्ध कर्म को लेकर जेल से एक महीने के लिए पैरोल घर आया था। उसके बाद वह जेल में नहीं लौट सका। उस मामले में बाद नवंबर 2022 को पुलिस ने सोनवर्षा स्थित उसके घर की कुर्की-जब्ती भी की थी। तब पुलिस ने उसके घर के दरवाजे-खिड़की तक उखाड़ दिया था।