डुमरांव अंचल के खिलाफ लगातार मिल रही है शिकायतें, कार्यशैली सुधारे अधिकारी - राहुल सिंह

गुरुवार को डुमरांव प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित पंचायत समिति की बैठक अचानक एक सामान्य बैठक से निकलकर जनसमस्याओं पर तीखी बहस का अखाड़ा बन गई। प्रखंड प्रमुख अनुपा देवी की अध्यक्षता और बीडीओ संदीप कुमार पांडेय के संचालन में शुरू हुई इस बैठक में राजपुर के विधायक संतोष निराला और डुमरांव के विधायक राहुल सिंह की उपस्थिति ने माहौल को और भी गंभीर बना दिया। शुरुआत में दोनों विधायकों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया, लेकिन उसके बाद जो मुद्दे उठे, उन्होंने पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए।

डुमरांव अंचल के खिलाफ लगातार मिल रही है शिकायतें, कार्यशैली सुधारे अधिकारी - राहुल सिंह

-- पंचायत समिति बैठक में दो विधायकों की मौजूदगी में भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य संकट और फंड की कमी पर उठी गूंज

केटी न्यूज/डुमरांव

गुरुवार को डुमरांव प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित पंचायत समिति की बैठक अचानक एक सामान्य बैठक से निकलकर जनसमस्याओं पर तीखी बहस का अखाड़ा बन गई। प्रखंड प्रमुख अनुपा देवी की अध्यक्षता और बीडीओ संदीप कुमार पांडेय के संचालन में शुरू हुई इस बैठक में राजपुर के विधायक संतोष निराला और डुमरांव के विधायक राहुल सिंह की उपस्थिति ने माहौल को और भी गंभीर बना दिया। शुरुआत में दोनों विधायकों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया, लेकिन उसके बाद जो मुद्दे उठे, उन्होंने पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए।

बैठक की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग से हुई। पीएचसी पदाधिकारी डॉ. आर. बी. प्रसाद ने साफ कहा कि शहरी क्षेत्र में तीन स्वास्थ्य केंद्र बनाने हैं, लेकिन महीनों बीतने के बावजूद भूमि चिह्नित नहीं हो सकी है। वहीं कसिया की मुखिया ने पंचायत स्वास्थ्य केंद्र में छह महीने से सीएचओ की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया। ग्रामीणों को हो रही परेशानियों पर अधिकारी की सफाई यह रही कि दो एएनएम फिलहाल काम देख रही हैं, लेकिन यह जवाब सदन को संतुष्ट नहीं कर सका।

-- अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार की गूंज, कर्मचारी संजय यादव पर विधायक का सख्त रुख

बैठक में अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और शहरी क्षेत्र के कर्मचारी संजय यादव की कार्यशैली पर अनेक सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाए। डुमरांव विधायक राहुल सिंह ने भी इसे स्वीकारते हुए कहा कि डुमरांव अंचल की शिकायतें सबसे ज्यादा आती हैं। उन्होंने संजय यादव के खिलाफ की गई शिकायतों को प्रोसिडिंग में दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि डुमरांव जैसे बड़े प्रखंड में स्थायी सीओ होना चाहिए, जबकि फिलहाल आरओ ही सीओ का प्रभार संभाल रहे हैं, जो व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है।

-- परवरिश योजना के लंबित आवेदनों पर भी खिंची अधिकारी की जवाबदेही

परवरिश योजना के अनेक आवेदन लंबे समय से लंबित पड़े हैं। इस पर भी विधायकों ने संबंधित अधिकारी से कड़ा स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया।वहीं, बीडीओ संदीप पांडेय ने विधायकों के समक्ष फंड कटौती की गंभीर समस्या रखी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष पंचायत समिति के पास कुल 1.5 करोड़ रुपये थे, लेकिन इस वर्ष मात्र 55 लाख (15वां वित्त) और 44 लाख (षष्ठम वित्त) यानी लगभग आधी राशि ही मिली है। 21 पंचायतों वाले बड़े प्रखंड के लिए यह राशि नाकाफी है। इस पर दोनों विधायकों ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को विधान सभा तक उठाया जाएगा।

-- आरटीपीएस काउंटर और कृषि विभाग भी कठघरे में

कई मुखियाओं ने आरटीपीएस काउंटर के अनियमित संचालन की शिकायत की। जबकि बीपीआरओ ने संचालन का दावा किया, लेकिन मुखियाओं ने इसे गलत बताते हुए कहा कि औचक निरीक्षण ही सच्चाई सामने लाएगा।कृषि विभाग पर भी सदस्यों ने आरोप लगाए कि इस बार वितरित किए गए बीज खेतों में अंकुरित ही नहीं हो रहे हैं। विधायक संतोष निराला ने बीज सप्लाई करने वाले वेंडर की जांच कराने की मांग की। खाद आपूर्ति में अनियमितता के आरोप भी सामने आए। साथ ही कोरान सराय पंचायत के पांच कृषि फीडर ट्रांसफार्मर तत्काल चालू करने का निर्देश भी बैठक में दिया गया।यह बैठक न केवल समस्याओं की सूची बताती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि डुमरांव प्रखंड में व्यवस्थागत खामियां कितनी गहरी हैं और उन्हें सुधारने के लिए अब जनप्रतिनिधियों को भी कठोर रुख अपनाना पड़ रहा है।