कौन है जिम्मेदार किस पर गिरेगी गाज ! बिहार चुनाव से पूर्व कांग्रेस की बढ़ी टेंशन बक्सर में खरगे की सभा फ्लाप, खाली पड़ी रही कुर्सियां
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन को ले बक्सर में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी। चंद दिनों में ही उनके आगमन की तैयारियों को पूरा दिखा दिया गया। दो दिन पूर्व से ही प्रदेश स्तर के नेता बक्सर पहुंच कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने तथा पुख्ता तैयारी के साथ ही लाखों की भीड़ जुटने की बात कह रहे थे, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में महज कुछ सौ लोग ही जुटे थे।

- कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के बताया जा रहा है कारण
- ईडी गठबंधन के अन्य घटक दलों ने नहीं दिखाई कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में दिलचस्पी
केटी न्यूज/बक्सर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन को ले बक्सर में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी। चंद दिनों में ही उनके आगमन की तैयारियों को पूरा दिखा दिया गया। दो दिन पूर्व से ही प्रदेश स्तर के नेता बक्सर पहुंच कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने तथा पुख्ता तैयारी के साथ ही लाखों की भीड़ जुटने की बात कह रहे थे, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में महज कुछ सौ लोग ही जुटे थे। आलम यह था कि सभा स्थल पर आधे से अधिक कुर्सियां खाली रह गई थी। कम भीड़ जुटने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नाखूश दिखे। वह भी तब जब बक्सर के सभी विधानसभा सीटो के अलावे लोकसभा सीट भी ईडी गठबंधन के खाते में ही है।
सभा के बाद कम भीड़ जुटने पर चर्चाएं होने लगी थी। लोग इसे कांग्रेस की अंदरूनी कलह, ईडी गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का इस कार्यक्रम में दिलचस्पी नहीं लेने सहित कई कारण गिना रहे थे।बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय नेताओं का बिहार आने का सिलसिला शुरू हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रविवार को बिहार पहुंचे और बक्सर में रैली को संबोधित किया। हालांकि यह अलग बात रही कि उन्हें सुनने के लिए रैली में बहुत कम लोग मौजूद थे।
दरअसल, महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में आने के लिए आतुर कांग्रेस की आज भारी फजीहत हुई। बिहार कांग्रेस की तरफ से रविवार को बक्सर में जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली आयोजित की गई। इस रैली को संबोधित करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बक्सर पहुंचे और रैली को संबोधित किया हालांकि रैली में उन्हे सुनने वाला कोई मौजूद नहीं था।
हालांकि मंच से कांग्रेस नेताओं द्वारा बार-बार यह अपील किया जाता रहा कि कृपया लोग कुर्सी पर बैठ जाएं, लेकिन फिर भी कोई असर नहीं हुआ। कार्यक्रम में खाली कुर्सियां रैली की शोभा बढ़ाती रहीं। मंच पर मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे इन सब चीजों को नोटिस कर रहे थे। वे समझ चुके थे कि बक्सर बुलाकर उनकी फजीहत करा दी गई है। उन्होंने रैली को संबोधित किया और केंद्र सरकार के साथ साथ बिहार की एनडीए सरकार के खिलाफ हमले बोले।
वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस सभा ने बिहार में कांग्रेस की सतही स्थिति को भी धरातल पर ला दिया और यह दिखा दिया कि बिहार में कांग्रेस की इतनी बुरी हश्र क्यों है। अब देखना है कि कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा बक्सर सहित पूरे बिहार में कांग्रेस को मजबूत बनाने तथा लोगों के बीच साख मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है।
बता दें कि महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर कांग्रेस और आऱजेडी के बीच शीत युद्ध चल रहा है। एक तरफ जहां आरजेडी ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित कर रखा है तो वहीं कांग्रेस तेजस्वी को सीएम का चेहरा मानने को तैयार नहीं है। सीएम फेस को लेकर दोनों दलों के बीच रस्साकस्सी चल रही है और कांग्रेस बिहार में बड़े भाई की भूमिका में आना चाहती है हालांकि बक्सर की रैली ने बिहार में कांग्रेस की जमीनी हकीकत को बयां कर दिया है।