बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के परिवादों के सफलतापूर्वक निष्पादन में दूसरे नंबर पर आया बक्सर
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत दायर वादों के निष्पादन में बक्सर जिला पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर आया है। बता दें कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम पूरे बिहार में 6 जून 2016 को लागू किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत आम जनों द्वारा दायर किये गये परिवाद पर सुनवाई कर उनके शिकायतों का निपटारा किया जाता है।
- राज्य में दूसरा स्थान मिलने पर जिला प्रशासन ने जताई खुशी
केटी न्यूज/बक्सर
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत दायर वादों के निष्पादन में बक्सर जिला पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर आया है। बता दें कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम पूरे बिहार में 6 जून 2016 को लागू किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत आम जनों द्वारा दायर किये गये परिवाद पर सुनवाई कर उनके शिकायतों का निपटारा किया जाता है।
इस अधिनियम की खासियत है कि परिवादी और लोक प्राधिकार को आमने-सामने बैठाकर परिवादों का सफलातापूर्वक निष्पादन किया जाता है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी पटना द्वारा प्रत्येक महीने जिलावार एवं कार्यालयवार रैंक का निर्धारण किया जाता है। इसी क्रम में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी पटना से प्रतिवेदित किया गया है कि माह जून में बक्सर जिला को परिवादों के सफलातापूर्वक निष्पादन में पूरे बिहार में द्वितीय स्थान प्राप्त है।
विदित हो कि पूर्व में भी मई माह में तृतीय स्थान, अप्रैल में तृतीय स्थान एवं मार्च में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था। उसी प्रकार कार्यालयवार देखा जाय तो जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय, बक्सर को माह जून में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है एवं अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय बक्सर एवं डुमरॉव को क्रमशः तीसरा एवं चौथा स्थान प्राप्त हुआ है।
37123 में से निष्पादित किए गए है 36771 मामले
जिलें में अब तक 37123 परिवाद दायर किये गये। जिनमें कुल 36771 परिवादों का निष्पादन कर दिया गया है। यह कानून नागरिकों को उनके शिकायतों की सुनवाई निवारण और लिए गए निर्णय पर संचार का अवसर देने का कानूनी अधिकारी देता है। अगर किसी लोक प्राधिकारी द्वारा परिवाद के निवारण में अभिरूची नहीं ली जाती है
अथवा तय सीमा में परिवाद का निवारण नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध नियमानुसार दंड या अनुशासनिक कार्रवाई की जाती है। जिलें में अब तक कुल 105 लोक प्राधिकार पर 213500 रूपये कि वसूली की गयी है। साथ ही कुल तीन लोक प्राधिकार पर अनुशासनिक कार्रवाई कि गयी है।