शौच के लिए घर से निकली महिला की गोली मार हत्या, देवर पर लग रहा आरोप, नहीं दर्ज हुआ एफआईआर

शौच के लिए घर से निकली महिला की गोली मार हत्या, देवर पर लग रहा आरोप, नहीं दर्ज हुआ एफआईआर

- सिकरौल थाना क्षेत्र के पांडेयपुर गांव में अहले सुबह की है घटना

- पति के हत्या के आरोप में जेल जा चुकी है मृतका, पिछले महीना ही बेल पर आई थी बाहर

- घटना के बाद गांव में हो रही है कई तरह की चर्चाएं, कई बिंदुओं पर जांच कर रही है पुलिस  

केटी न्यूज/डुमरांव/नावानगर

सिकरौल थाना क्षेत्र के पांडेयपुर गांव में एक महिला की गोलीमार हत्या कर दी गई है। घटना बुधवार की अहले सुबह पांच बजे की बताई जा रही है। मृतका की पहचान पांडेयपुर के स्व. अक्षय कुमार पांडेय उर्फ बड़े पांडेय की पत्नी ममता देवी 40 वर्ष के रूप में हुई है। हत्या का आरोप उसके एक देवर पर लग रहा है।

हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ स्पष्ट नहीं बता सकी है वही समाचार लिखे जाने तक एफआईआर दर्ज भी नहीं हुआ था। मृतका की छवि खुद दागदार रही है तथा उस पर उसी गांव के अपने कथित प्रेमी जितेन्द्र दूबे के साथ मिल 28 अपै्रल 2023 की रात अपने पति की धारदार हथियार से गला काट हत्या करने का आरोप भी है। इस आरोप में पुलिस उसे तथा उसके कथित प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेजी थी।अभी भी जितेन्द्र जेल में ही है, जबकि पिछले महीने ही ममता बेल पर बाहर आई थी तथा करीब एक पखवाड़े तक अपने मायके में रहने के बाद एक सप्ताह पहले ही अपने ससुराल आई थी। मिली जानकारी के अनुसार वह बुधवार की सुबह घर से शौच के लिए निकली थी, इसी दौरान घर के पास स्थित खलिहान में गोली मार उसकी हत्या कर दी गई। उसे दो गोली मारी गई है।

हत्या का आरोप उसके देवर पर लग रहा है। घटना के बाद से देवर फरार है। वहीं इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई है। घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी है। गौरतलब है कि 28 अप्रैल 2023 की रात अपने दरवाजे पर सो रहे अक्षय कुमार पांडेय की धारदार हथियार से गला रेत नृशंश हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि उसकी पत्नी ममता ने अपने कथित प्रेमी जितेंद्र दुबे के साथ मिल इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।

इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन जेल से बाहर आते ही उसकी भी हत्या कर दी गई। घटना के बाद से अनाथ हुए मासूम बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। सिकरौल थानाध्यक्ष बिरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव उसके एक रिश्तेदार तथा ग्रामीणों को सौंप दिया गया है। वही अभी तक इस मामले में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वैसे पुलिस इस मामले में कई बिंदुओं पर सूक्ष्मता से जांच कर रही है। वही जानकारी के अनुसार उक्त रिश्तेदार तथा कुछ ग्रामीणों ने ही मिलकर मृतका का अंतिम संस्कार किया।

पिता के बाद मां की हत्या से अनाथ हुए छह बच्चें, रो रोकर बुरा हाल

ममता की मौत से उसके छह बच्चें अनाथ हो गए है। पहले मां की हवस के कारण उनके सर से बाप का छाया हट गया था। जिसके बाद बच्चों की परवरिश उसके दो चाचा अजय पांडेय उर्फ छोटे पांडेय तथा विजय पांडेय उर्फ लवजी पांडेय कर रहे थे। लेकिन, जैसे ही ममता जेल से बाहर आई तो वह अपने बच्चों का देखभाल खुद करने लगी। इधर भाई की मौत के प्रतिशोध मेे दोनों ने मिलकर अपनी भाभी की हत्या कर दी। घटना के बाद से दोनों तथा उनकी पत्नियां भी घर से फरार हो गई है।

अब घर में सिर्फ स्व. अक्षय पांडेय व ममता के पांच बच्चें बचे है, एक पहले से ही अपने मामा के घर रहता है। जानकारी के अनुसार मृतका के चार बच्चियां तथा दो बच्चों समेत कुल छह बच्चें है। सभी अभी नाबालिग है। बतया जाता है कि बड़ी बेटी भूमि अभी 13 वर्ष की है। उससे छोटी महिमा 11 वर्ष, पुतल 9 वर्ष, बेटा कान्हा 6 वर्ष तथा अंशी 4 वर्ष के अलावे एक अन्य बेटी का परवरिश उसके ननिहाल में होता है। इस घटना के बाद से घर में बच्चों के अलावे और कोई नहीं था। जिस कारण बच्चें दहाड़ मारकर रो रहे थे।

उन्हें चुप कराने वाला भी कोई नहीं था। आलम यह था कि बच्चें कभी घर के अंदर तो कभी घर के बाहर रोड पर बैठ रो रहे थे। ग्रामीणों को उनपर दया जरूर आ रही थी, लेकिन उनकी मां तथा अन्य परिजनों की करतूत तथा पुलिस के पचड़े के डर से ग्रामीण बच्चों से दूरी बनाए हुए थे। वही, सूचना के बावजूद मृतका के मायके वाले देर शाम तक नहीं आ सकें थे। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ननिहाल वालों ने भी उन्हें नहीं अपनाया तो उनकी परवरिश कौन करेगा। बच्चें किसके साथ रहेंगे, ये सवाल प्रशासन के लिए मुश्किलेें खड़ा करने वाला है।

 

कहते है थानाध्यक्ष

हत्या की जानकारी मिलते ही मौकेे पर पहुंच शव को कब्जे में पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल बक्सर भेजा गया। हत्या का आरोप उसके देवरों पर लगा रहा है। अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है।