विभागीय उदासीनता का शिकार हो रहे है शिक्षक
केटी न्यूज। डुमरांव ( बक्सर )
शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी उपेंद्र पाठक ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि शिक्षक विभागीय उदासीनता के शिकार हो रहे है। उन्होंने कहा है कि सर्व शिक्षा अभियान से वेतन लेने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान की राशि कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बावजूद भी जिला को उपलब्ध नही कराई जा रही है। शिक्षा विभाग के उच्च पदाधिकारी अकर्मण्यता की स्थिति की चरम सीमा पार कर गए है। ध्यातव्य है कि शिक्षकों को शिक्षक दिवस के पहले ही अखबारों के पन्नों पर मोटे मोटे अक्षरों में शिक्षक दिवस पर मिली सौगात शीर्षक बनाकर शिक्षकों का माखौल उड़ाया गया। शिक्षक दिवस पर शिक्षक बिना वेतन के सम्मान से नवाजा गया, बिहार के सभी नियोजित शिक्षक उस दिन आंखों में आंसू और पेट मे अग्नि की ज्वाला जलाकर शिक्षक दिवस मनाया लेकिन अभी तक विभाग के आला अधिकारी कान में तेल डालकर सो रहे है। शिक्षक बिना वेतन के मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है। यही इस सुशासन की सरकार में शिक्षकों का हाल है। ऐसे में शिक्षक भूखे पेट अपने परिवार के साथ रहकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे दे सकते है यही यक्ष प्रश्न है। पाठक ने कहा कि शिक्षकों को कभी भी समय से वेतन नहीं दिया जाता है। कई शिक्षक इससे तंग आ नौकरी छोड़ रहे है। जो एक गंभीर मुद्दा बन रहा है। उन्होंने कहा कि नई सरकार से शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन अबतक जो रवैया रहा है उसमे थोड़ा सा भी बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। जिससे विभागीय उदासीनता का शिकार हो रहे है शिक्षकविभागीय उदासीनता का शिकार हो रहे है शिक्षकविभागीय उदासीनता का शिकार हो रहे है शिक्षकतथा शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन का मूड बना रहे है। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से शिक्षकों का वेतन बकाया है।