कृषि कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान किया प्राचार्य से बदसलूकी, दिया इस्तीफा
स्टाइपेंड की मांग तथा प्राचार्य की मनमानी के खिलाफ शनिवार को डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र प्राचार्य कक्ष में पहुंच गए तथा कार्यालय में रखे कुर्सी, मेज, आलमीरा आदि तोड़ दिए।
- स्टाइपेंड की मांग पर उग्र हुए थे छात्र, प्राचार्य कक्ष में की तोड़फोड़, चार घंटे तक बंधक बने रहे प्राचार्य, सूचना पर पहुंची तीन थानों की पुलिस
- डॉ. रेयाज अहमद बने नये प्राचार्य, विश्वविद्यालय ने जारी की अधिसूचना
केटी न्यूज/डुमरांव
स्टाइपेंड की मांग तथा प्राचार्य की मनमानी के खिलाफ शनिवार को डुमरांव के वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र प्राचार्य कक्ष में पहुंच गए तथा कार्यालय में रखे कुर्सी, मेज, आलमीरा आदि तोड़ दिए। छात्रों ने प्राचार्य मुकेश कुमार के साथ बदसलूकी भी की। आक्रोशित छात्र कॉलेज के मुख्य गेट में ताला जड़ दिए थे तथा प्राचार्य कक्ष का घेराव कर नारेबाजी कर रहे थे।
इसकी सूचना मिलते ही तत्काल डुमरांव डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी के नेतृत्व में डुमरांव, नया भोजपुर ओपी, कृष्णाब्रह्म आदि थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस दौरान छात्र पुलिस से बात करने को तैयार नहीं थे। छात्रों का आरोप था कि प्राचार्य जानबूझकर उनके साथ खिलवाड़ कर रहे है। प्राचार्य की मनमानी के कारण ही उनके स्टाइपेंड का भुगतान नहीं हो पा रहा है। प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने अपनी मांगों से विश्वविद्यालय प्रशासन को भी अवगत कराया और प्राचार्य को हटाने की मांग की।
हंगामे के दौरान कॉलेज के वैज्ञानिक और स्टाफ दूसरे कमरे में छिपे रहे। डुमरांव थाना, नयाभोजपुर थाना और 112 की टीम भी को भी कॉलेज परिसर में बुलाना पड़ गया। किसी की एक नहीं सुन अपनी मनमानी छात्र करते रहे। यह हंगामा छात्रों का चार घंटे तक चलता रहा। छात्र प्राचार्य की बर्खास्तगी पर अड़े हुए थे।
बदसलूकी से आहत प्राचार्य ने दिया इस्तीफा
छात्रों के बदसलूकी से आहत प्राचार्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना इस्तीफा दिया, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने कॉलेज के वैज्ञानिक डा. रियाज अहमद को प्रभारी प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी की। उनके प्रभार लेने के बाद ही छात्र शांत हुए।
हंगामा कर रहे छात्रों का कहना था कि प्राचार्य छात्रों के साथ अव्यवहारिकता की तरह पेश आते हैं। किसी काम के लिए जाने पर जल्दी उनके कक्ष में जाने की परमिशन नहीं मिलती थी। छात्रों की बात नहीं सुन अपनी मनमानी करते हैं। इतना ही नहीं कॉलेज की संपति को अपना निजी समझ एकाधिकार जमाते हैं। अपने कार्यालय से लेकर आवास तक कॉलेज के सारे कीमती फर्नीचर से लेकर सामान को रखवा दिये है। अच्छे-अच्छे वैज्ञानिकों को तबादला करवा दिया है। कुछ का तबादला कराने की कार्रवाई शुरू कर दिया था। उनका यह भी आरोप था कि प्राचार्य हॉस्टल सुपरीटेंडेंट एसएस सक्सेना का स्थानातरण करावाने पर लगे हुए थे। स्थानांतरण के कारण छात्रों के पढ़ाई में बाधा बार-बार उत्पन्न हो रही थी।
छात्रों ने बताया कि इनकी मनमानी इस कदर बढ़ गई थी की गरीब छात्रों को मिलने वाला फेलाशीप को भी पेंडिंग रख दिया गया था। जो छात्र थर्ड ईयर में चला गया है, उसका भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में गरीब छात्र-छात्रा अपनी पढ़ाई के लिए जरूरी पाठ्य-पुस्तक की खरीदारी नहीं कर पा रहे थे। बच्चों को समझाने के लिए जब डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी पहुंचे तो उनकी बातों को नहीं माना और साफ लहजे में कहा कि कॉलेज के मामले में वे किसी भी प्रकार का प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। फिर प्राचार्य ने इस्तीफा दिया तब जाकर छात्र शांत हुए। प्राचार्य ने बताया की अपने मन से इस्तिफा दे रहे हैं। इनके इस्तीफा देने के बाद विश्वविद्यालय की तरफ से कॉलेज के वैज्ञानिक डा. रियाज अहमद को प्रभारी प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी की गई और उन्होंने प्रभार भी ले लिया। वही, समाचार लिखे जाने तक पूर्व प्राचार्य मुकेश ने छात्रों द्वारा किए गए बदसलूकी के खिलाफ किसी तरह की शिकायत नहीं की थी।