गेहूं के घटिया बीज का आरोपः अनुदान योजना पर सवाल, किसान की फसल बर्बाद, 50 हजार के नुकसान का दावा

सरकारी अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे बीजों की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। नया भोजपुर निवासी किसान अवध बिहारी पांडेय ने डुमरांव प्रखंड कृषि कार्यालय से मिले गेहूं के बीज को घटिया बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। किसान का कहना है कि विभाग द्वारा “उच्च उत्पादक” बताकर दिए गए बीज ने खेत में दम तोड़ दिया, जिससे पूरी बुवाई ही बेकार हो गई।

गेहूं के घटिया बीज का आरोपः अनुदान योजना पर सवाल, किसान की फसल बर्बाद, 50 हजार के नुकसान का दावा

केटी न्यूज/डुमरांव

सरकारी अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे बीजों की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। नया भोजपुर निवासी किसान अवध बिहारी पांडेय ने डुमरांव प्रखंड कृषि कार्यालय से मिले गेहूं के बीज को घटिया बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। किसान का कहना है कि विभाग द्वारा “उच्च उत्पादक” बताकर दिए गए बीज ने खेत में दम तोड़ दिया, जिससे पूरी बुवाई ही बेकार हो गई।किसान अवध बिहारी पांडेय के अनुसार उन्होंने प्रखंड कृषि कार्यालय से अनुदानित दर पर 80 किलो गेहूं का बीज खरीदा था। यह बीज एचडी 2967 किस्म का बताया गया था, जिसे बेहतर उत्पादन के लिए प्रचारित किया जाता है।

उन्होंने मौजा भोजपुर जदीद में लगभग एक एकड़ 50 डिसमिल भूमि में नियमानुसार जुताई, खाद और सिंचाई के बाद बीज की बुवाई की। लेकिन 14 दिन बीत जाने के बाद भी खेत में एक भी पौधा अंकुरित नहीं हुआ।किसान का कहना है कि पूरी जमीन खाली पड़ी रह गई, जबकि अन्य किसानों के खेतों में सामान्य रूप से फसल उग चुकी है। समय निकल जाने के कारण अब दोबारा बुवाई भी संभव नहीं रह गई है। इससे न केवल इस सीजन की फसल हाथ से निकल गई, बल्कि उनकी महीनों की मेहनत और पूंजी भी डूब गई।

अवध बिहारी पांडेय ने इस पूरे मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को लिखित शिकायत सौंपी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना गुणवत्ता जांच के किसानों को बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका खामियाजा सीधे किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान ने करीब 50 हजार रुपये के नुकसान का अनुमान जताया है, जिसमें बीज, खेत की तैयारी, खाद, सिंचाई और मजदूरी का खर्च शामिल है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कृषि विभाग ने जांच टीम गठित कर किसान के खेत का निरीक्षण कराया है। हालांकि जांच रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन यह मामला सरकारी अनुदान योजनाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।वहीं, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि संभवतः कोई लाट खराब आ गया होगा। यदि विभाग की तरफ से कोई गड़बड़ी हुई होगी तो जांच के बाद संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।