1857 की जंग-ए-आज़ादी की वर्षगांठ और किसान महासभा का मनाया गया स्थापना दिवस

भाकपा माले और अखिल भारतीय किसान महासभा ने संयुक्त रूप से 10 मई 2025 को डुमरांव के नया थाना के सामने एक सभा आयोजित किया। इस सभा में 1857 की पहली जंग ए आजादी की वर्षगांठ और किसान महासभा के स्थापना दिवस को यादगार बनाया।

1857 की जंग-ए-आज़ादी की वर्षगांठ और किसान महासभा का मनाया गया स्थापना दिवस

केटी न्यूज/डुमरांव  

भाकपा माले और अखिल भारतीय किसान महासभा ने संयुक्त रूप से 10 मई 2025 को डुमरांव के नया थाना के सामने एक सभा आयोजित किया। इस सभा में 1857 की पहली जंग ए आजादी की वर्षगांठ और किसान महासभा के स्थापना दिवस को यादगार बनाया।

इस अवसर पर अमेरिका के सामने घुटने टेकना बंद करो, एक और युद्ध हरगिज नहीं जैसे नारों के साथ साझी शहादत और विरासत पर आधारित साम्राज्यवाद विरोधी राष्ट्रवाद को बुलंद किया गया। सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता अलख नारायण चौधरी ने कहा कि 10 मई 1857 को भारत में आजादी की पहली लड़ाई शुरू हुई थी।

इसी दिन वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विजय प्राप्त की थी। इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि इसी ऐतिहासिक दिन की प्रेरणा से स्वतंत्र भारत में अखिल भारतीय किसान महासभा का गठन किया गया था।

पार्टी के जिला सचिव नवीन कुमार ने भारत-पाक तनाव और संभावित युद्ध को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है लेकिन युद्ध कोई समाधान नहीं। उन्होंने जोर दिया कि कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और युद्धोन्माद फैलाने से बचना होगा। नवीन कुमार ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि

ऑपरेशन सिन्दूर के बहाने झूठे प्रचार और फेक न्यूज के जरिये अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले हो रहे हैं। सभा में माले के नेता वीरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह यादव, संजय शर्मा, संध्या पाल, नारायण दास, कन्हैया पासवान, नंदन मुखिया सहित कई स्थानीय नेता शामिल हुए। सभी ने आतंक, घृणा और दमन के खिलाफ संगठित संघर्ष और लोकतंत्र, शांति एवं सौहार्द के पक्ष में आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।