डुमरांव स्टेशन की लापरवाही उजागर: तकनीकी खामी ने डेढ़ घंटे तक यात्रियों को अंधेरे में छोड़ा
डुमरांव रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की शाम एक बार फिर रेलवे प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई। मामूली तकनीकी खामी ने ऐसा हाल पैदा कर दिया कि करीब डेढ़ घंटे तक पूरा स्टेशन अंधेरे में डूबा रहा और सैकड़ों यात्री बेहाल नजर आए। शाम 5 बजकर 25 मिनट पर अचानक बिजली गुल होते ही प्लेटफॉर्म से लेकर पूछताछ काउंटर और आवागमन मार्ग तक घुप्प अंधेरा छा गया।
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की शाम एक बार फिर रेलवे प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई। मामूली तकनीकी खामी ने ऐसा हाल पैदा कर दिया कि करीब डेढ़ घंटे तक पूरा स्टेशन अंधेरे में डूबा रहा और सैकड़ों यात्री बेहाल नजर आए। शाम 5 बजकर 25 मिनट पर अचानक बिजली गुल होते ही प्लेटफॉर्म से लेकर पूछताछ काउंटर और आवागमन मार्ग तक घुप्प अंधेरा छा गया।स्टेशन जैसे संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले स्थान पर वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था का न होना यात्रियों के लिए भारी मुसीबत बन गया। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अंधेरे में ट्रेन पकड़ने के लिए इधर-उधर भटकते दिखे।

कई यात्रियों को मोबाइल की टॉर्च जलाकर प्लेटफॉर्म पर रास्ता तलाशना पड़ा। अंधेरे के कारण ट्रेन की स्थिति समझना भी मुश्किल हो गया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।इस दौरान सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हुए। पर्याप्त रोशनी नहीं होने से यात्री भयभीत दिखे और किसी अनहोनी की आशंका बनी रही। यात्रियों का कहना है कि डुमरांव जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन पर अगर एक तकनीकी खराबी से पूरा सिस्टम ठप हो जाए, तो यह रेलवे की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, पैनल रूम की वायरिंग में खराबी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे ठीक करने के बाद शाम 6 बजकर 39 मिनट पर बिजली बहाल की जा सकी। लेकिन तब तक यात्रियों को लंबा इंतजार और परेशानी झेलनी पड़ी।यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं। वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि भविष्य में तकनीकी खामी यात्रियों के लिए अंधेरे और असुरक्षा का कारण न बन जाए।

