आदर्श शिक्षक बन वर्तमान पीढ़ी को राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण के लिए करें तैयार - डॉ. चिन्मय पांड्या
डुमरांव स्थित सभापति मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एवं अनंतविजयम एकेडमी में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांति कुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति एवं ब्रह्मवर्चस रिसर्च सेन्टर के निदेशक डॉ. चिन्मय पांड्या का आगमन हुआ।

- डुमरांव के अनंतविजयम एकेडमी पहुंचे डीएसवी यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या, निदेशक चंदन मिश्र के नेतृत्व में किया गया जोरदार स्वागत
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव स्थित सभापति मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एवं अनंतविजयम एकेडमी में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांति कुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति एवं ब्रह्मवर्चस रिसर्च सेन्टर के निदेशक डॉ. चिन्मय पांड्या का आगमन हुआ।
इस दौरान सभापति मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एवं अनंतविजयम एकेडमी के निदेशक चंदन मिश्र के नेतृत्व में उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर एक समारोह का आयोजन भी किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. पांड्या व निदेशक श्री मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
दीप प्रज्जवलन के बाद उन्होंने डॉ. पांड्या ने अपने सबोधन में उपस्थित शिक्षकों से कहा कि आप एक आदर्श शिक्षक बन वर्तमान पीढ़ी को राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण के लिए तैयार करें। उन्होंने इस विषय पर शिक्षकों को विस्तार से जानकारी दी और बताया कि राष्ट्रीय नव निर्माण की आवश्यकता क्यों है तथा शिक्षक कैसे इस लक्ष्य को पूरा कर सकते है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में युवाओं में तेजी से भटकाव हो रहा है। पाश्चात्य संस्कृतिक का अनुकरण हमारी संस्कृति व युवाओं दोनों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्कारयुक्त व नैतिक शिक्षा दे हम उन्हें राष्ट्र के नवनिर्माण कार्य में जोड़ सकते है।
इसके बाद उन्होंने सभापति मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजूकेशन एवं अनंतविजयम एकेडमी के पूरे कैम्पस का विधिवत भ्रमण कर अवलोकन किए तथा बेहतर शिक्षा के लिए कई दिशा निर्देश दिए। वहीं, उन्होंने एकेडमी में स्थित भारतीय नस्ल की गीर एवं साहीवाल गायों की
गोशाला का निरीक्षण किया तथा इस प्रयास के लिए निदेशक चंदन मिश्र की तारीफ की और कहा कि गाय तथा गंगा हमारी संस्कृति के अमिट धरोहर है। उन्होंने स्वावलंबी युवा-सबल राष्ट्र की विचारधारा पर बल देते हुए युवाओं को स्वावलंबी बनने की प्रेरणा प्रदान की।
जबकि सभापति मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एवं अनंतविजयम एकेडमी के प्रेसिडेंट चन्दन कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रतिकुलपति के दिशा निर्देश के अनुसार महाविद्यालय व विद्यालय में कई सृजनात्मक कार्यों को प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि डॉ. चिन्मय पांड्या का व्याख्यान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों व शोध संस्थानों में होता है।
उनका डुमरांव एवं बक्सर की धरती पर आना बक्सर जिले के लिए गौरव का विषय है। श्री मिश्र ने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि छात्रों को संस्कारयुक्त शिक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि छात्रों को बेहतर व नैतिक शिक्षा देने के लिए ही इस कॉलेज व स्कूल की स्थापना की गई है। मौके पर दोनों संस्थानों के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।