भारत आजाद पार्टी ने अचानक किया एनएच जाम, दो घंटे तक परेशान रहे स्कूली बच्चें व आम यात्री

गुरूवार की भरी दोपहरी एनएच 120 में शुमार स्टेशन रोड में वाहनों के रफ्तार पर अचानक ब्रेक लग गया। बिना किसी पूर्व सूचना के आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी के कार्यकर्ता प्रखंड कार्यालय के दो नंबर गेट के पास सड़क जाम कर दिए।

भारत आजाद पार्टी ने अचानक किया एनएच जाम, दो घंटे तक परेशान रहे स्कूली बच्चें व आम यात्री

- घंटो बाद आए प्रशासनिक अधिकारी, बिना सूचना सड़क जाम से चौपट हुई विधि व्यवस्था

- सीओ के खिलाफ धरना प्रदर्शन की ली गई थी स्वीकृति

केटी न्यूज/डुमरांव

गुरूवार की भरी दोपहरी एनएच 120 में शुमार स्टेशन रोड में वाहनों के रफ्तार पर अचानक ब्रेक लग गया। बिना किसी पूर्व सूचना के आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी के कार्यकर्ता प्रखंड कार्यालय के दो नंबर गेट के पास सड़क जाम कर दिए। इस दौरान वे सड़क पर अपनी चारपहिया वाहन खड़ा कर दिए थे। जिससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाईन लग गई थी। इस दौरान लोगों को काफी परेशानी होना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हुई, स्कूल से छुट्टी के बाद घंटो जाम में फंसे बच्चें भूख व प्यास से परेशान हो गए थे। ताज्जूब की इस दौरान स्थानीय प्रशासन व पुलिस करीब एक घंटा से अधिक समय तक गायब रही। जिस कारण रेलवे स्टेशन से बाजार तक वाहनों की लाइन लग गई थी। 

मिली जानकारी के अनुसार सड़क जाम करने वाले प्रखंड के रेहियां गावं में सरकारी भूमि को कब्जा का विरोध कर रहे आजाद समाज पार्टी सह भीम आर्मी सेना के लोगों ने डुमरांव प्रखंड कार्यालय गेट के पास एनएच-120 को पूरी तरह से जाम कर दिया। दो घंटे तक जाम के कारण स्कूली बस और यात्री बसों में बैठे बच्चों और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। एसडीओ के आदेश पर पुलिस बलों के साथ रोड जाम स्थल पर पहुंचे बीडीओ राकेश कुमार पांडेय ने एसडीओ के संदेश को बताते हुए दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिर उनसे जाम हटाने के लिए कहा। जाम कर हरे भीम आर्मी के वरिष्ठ सदस्यों ने सभी बातों को सुन जाम को समाप्त कर दिया। फिर बीडीओ ने उनकी मांग पत्र को लिया।

 जाम करने वालों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रखंड के रेहियां गांव में एक सरकारी भूमि पर पर विगत कई सालों से अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के भूमिहीन लोग अपना आशियान बनाकर रह रहे थे। उस जमीन पर जमींदारों की नजर लगी हुई थी। लिहाजा उन्होंने पुलिस बल के साथ मिल उस जमीन पर कब्जा करना चाहा था। इसमें अंचल अधिकारी भी उस जमीन को उन्हीं के नाम पर बंदोबस्ती करना चाहते थे। 13 अगस्त को सीओ पुलिस बल के साथ कब्जा कराने के लिए गए थे, तभी भूमि पर रह रहे भूमिहीन व्यक्तियों ने विरोध किया था। विरोध के फलस्वरूप पुलिस द्वारा मारपीट किया गया, फिर सीओ ने कृष्णाब्रह्म थाना में एफआईआर दर्ज कराकर भूमिहीनों को जेल भिजवा दिया। इनका कहना है कि इस भूमि पर पहले से ही डुमरांव कोर्ट में मामला चल रहा है। उसी को लेकर हमलोग इंसाफ मांगने के लिए निकले हैं। उनकी मांगों में डुमरांव सीओ द्वारा दायर एफआईआर को वापस लेने, डुमरांव सीओ को बर्खास्त करने, इस भूमि का जबतक न्यायालय का फैसला नहीं आता है तबतक इस पर किसी को कब्जा नहीं दिलाया जाए। अभियान बसेरा के तहत सभी भूमिहीन व्यक्तियों को 3-3 डिसमील जमीन तत्काल मुहैया कराने आदि मांगे शामिल रही।

इस संबंध में जब एसडीओ राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया की उन्हें रोड जाम करने के लिए परमीशन नहीं दी गई थी। अब सवाल उठता है कि परमीशन केवल जुलूस निकालने के लिये रूट के साथ दी गई थी, तो फिर एनएच को कैसे जाम कर दिया गया। इस सवाल पर अधिकारी बचते नजर आए। हालांकि अधिकारियों द्वारा भी सड़क जाम करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।