राज्य में सांप्रदायिक उन्माद फ़ैलाने के लिए बक्सर को केंद्र बनाना चाहती है भाजपा
- विधायक पर हुए एफआईआर के विरोध में माले ने निकाला प्रतिवाद मार्च
- माले का आरोप - भाजपा की साजिश से हुआ है डुमरांव विधायक पर एफआईआर
केटी न्यूज/डुमरांव
कोपवां की घटना में डुमरांव के माले विधायक डाॅ. अजित कुशवाहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने का माले ने कड़ा विरोध जताया है। गुरुवार को माले ने एक प्रतिवाद मार्च निकाल विधायक तथा कोपवां के दलितों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कराए जाने की निंदा की। जिसमें माले ने इस पूरे प्रकरण को भाजपा की साजिश बताया। माले कार्यालय से निकला यह प्रतिवाद मार्च शहर के प्रमुख सड़कों से होते हुए राजगढ़ पर पहुंच सभा में तब्दील हो गया। जिसे सम्बोधित करते हुए जिला सचिव नवीन ने कहा कि भाजपा के गुजरात और उत्तरप्रदेश के बाद अब बक्सर ( बिहार ) को अपना सांप्रदायिक उन्माद फ़ैलाने का केन्द्र बनाना चाहती है। पुरे जिले में भाजपा के इशारे पर सामंतियों द्वारा गरीबों और दलितों पर हमले किये जा रहे हैं। भाकपा माले हमेशा से गरीबों, भूमिहीनों, दलितों और अकलियतों के पक्ष में खड़ी रही है।
पूरा वाकया भाजपाई राजनीती से प्रेरित
वहीं, कामरेड नीरज कुमार यादव ने कहा कि डुमरांव विधायक पर दर्ज फर्जी मुकदमा विपक्षी दलों के हताशा और निराशा का प्रतीक है। ये पूरा वाकया भाजपाई राजनीती से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि डुमराव में विधायक द्वारा बहुप्रतीक्षित योजनाओं को पूरा करने के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई की जा रही है, साथ ही गरीबों भूमिहीनों और दलितों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लगातार उनके खड़े होने से पूरा विपक्ष सकते में है और पार्टी और विधायक की छवि ख़राब करने के लिए ऐसे झूठे मुकदमे किये जा रहें है।
लड़ाई में विधायक का साथ देगा माले
भाजपा की मानसिकता है कि बक्सर को भी सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात का केन्द्र बनाकर, हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर 2024 की पिच तैयार की जाय। भाकपा माले झूठे मुकदमे वापस होने तक सड़क से सदन तक अपनी लड़ाई को और तेज करेगी तथा गरीबों और दलितों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ाई में उनके कदम से कदम मिलकर उनके साथ रहेगी। संचालन डुमरांव प्रखंड सचिव सुकर राम ने किया। सभा को चौगाईं प्रखंड सचिव बीरेंद्र सिंह, नावानगर सचिव हरेंद्र राम, ब्रह्मपुर सचिव अयोध्या सिंह, केसठ सचिव ललन प्रसाद ने सम्बोधित किया। मार्च और सभा में भाकपा माले के कन्हैया राम, मानरूप पासवान, रेखा देवी, सुकर राम, धर्मेंद्र सिंह, नारायण दास सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।