"जहानाबाद में बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2024 के तहत प्रखंड स्तरीय परियोजना प्रस्तुतिकरण सफलतापूर्वक संपन्न"
बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2024 के तहत प्रखंड स्तरीय परियोजना प्रस्तुतिकरण का आयोजन शनिवार को राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय, जहानाबाद में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
केटी न्यूज़ / जहानाबाद
जहानाबाद: बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2024 के तहत प्रखंड स्तरीय परियोजना प्रस्तुतिकरण का आयोजन शनिवार को राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय, जहानाबाद में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी रश्मि रेखा, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मोहन चौधरी, आयोजन समिति के उपाध्यक्ष शकील अहमद काकवी और विद्यालय की प्राचार्या रेणु कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
उद्घाटन के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने परियोजनाओं का निरीक्षण किया और बच्चों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिला पदाधिकारी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे जिले से 800 से अधिक बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया, जो कि एक रिकॉर्ड है।
कार्यक्रम में राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और विद्यालय की प्राचार्या ने शॉल भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।
परियोजनाओं का मूल्यांकन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया, जिसमें एस एस कॉलेज के प्रो. प्रवीण दीपक, राजीव रंजन सिंह (जैव प्रौद्योगिकी विभाग, एस. सिन्हा कॉलेज, औरंगाबाद), डॉ. विभीषण कुमार (भूगोल विभाग, एस. सिन्हा कॉलेज, औरंगाबाद), पवन कुमार, सुप्रिया शर्मा, अरुण कुमार, कुमारी सिम्मी, शशिधर गुप्ता, आशुतोष कुमार और अंजनी कुमार उपाध्याय शामिल थे।
कार्यक्रम में साइंस फॉर सोसाइटी के जिला समन्वयक श्रीकांत शर्मा, संयुक्त समन्वयक पंकज कुमार, शैक्षणिक समन्वयक डॉ. उदय शंकर मिश्र, और पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र विक्रम कुमार की सक्रिय भागीदारी रही।
जिला संयोजक ललित शंकर ने बताया कि कुल 168 परियोजनाएं विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी विद्यालयों से आई थीं, जिनमें से 25 चयनित बाल वैज्ञानिक अपनी परियोजनाओं का जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन साइंस फॉर सोसाइटी, बिहार द्वारा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद और बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से किया गया।