इस गांव में आज़ादी के 78 साल बाद भी नही बना पुल

नालंदा ज़िले के बेन प्रखंड के तोड़लबिगहा गांव की तस्वीर बदहाल है।तोड़लबिगहा गांव में आज़ादी के 78 साल बाद भी पुल नहीं बना है।

इस गांव में आज़ादी के 78 साल बाद भी नही बना पुल
Bridge

केटी न्यूज़/नालंदा

नालंदा ज़िले के बेन प्रखंड के तोड़लबिगहा गांव की तस्वीर बदहाल है।तोड़लबिगहा गांव में आज़ादी के 78 साल बाद भी पुल नहीं बना है।चार सौ की आबादी वाले इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहाँ तक कि स्वास्थ्य केंद्र जैसी महत्वपूर्ण सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। गाँव के पास से गुज़रने वाली नदी पर पुल न होने के कारण बरसात में लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है।

गाँव की इस समस्या से अधिकारी भी अनजान नहीं हैं।एक अस्थायी पुल बनाने में भी तीस से चालीस हज़ार रुपये का खर्च आता है, जबकि सरकार की तरफ़ से सिर्फ़ सात हज़ार रुपये ही मिलते हैं। बीडीओ हर्ष कुमार का कहना है कि एक महीने पहले ही उन्होंने ज़िला मुख्यालय को पत्र लिखकर पुल निर्माण की मांग की है। उन्होंने ग्रामीणों को भी जल्द से जल्द पुल बनाने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक मुख्यालय से कोई अनुमति नहीं मिली है।

यहां के लोग बरसात में नदी पार करने के लिए तसले से बने नाव का इस्तेमाल करते हैं।जिसमे एक बार में सिर्फ़ दो लोग ही सवार हो सकते हैं।थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।इस जुगाड़ से बरसात के दिनों में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। बीमार व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाते। लोगों का रोज़गार सब बंद हो जाता है। गांव वाले बताते हैं कि चुनाव के वक्त नेता आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई इस गांव को देखने नहीं आता।